CAA जल्द ही देश में होगा लागू, कई और बड़े तथा कड़े फैसले लेने की तैयारी में है Modi-Shah की जोड़ी!

By नीरज कुमार दुबे | Feb 10, 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री के आत्मविश्वास और ऊर्जा को देखते हुए कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री ने संसद में अपने संबोधन के दौरान लोकसभा चुनावों में भाजपा को 370 सीटें मिलने और एनडीए को 400 सीटें मिलने का जो दावा किया था वह अतिश्योक्ति नहीं है। मोदी और शाह की जोड़ी ने लोकसभा चुनावों के लिए मुद्दों का जो एजेंडा सेट कर दिया है उससे विपक्ष के होश उड़ गये हैं। प्रधानमंत्री ने एक दिन पहले बताया था कि कैसे वह अपने तीसरे कार्यकाल में लिये जाने वाले बड़े फैसलों की तैयारी शुरू कर चुके हैं वहीं आज अमित शाह ने बताया कि क्यों एनडीए का विस्तार होता जा रहा है और विपक्षी गठबंधन बिखरता चला जा रहा है।


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी दावा किया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 370 सीट एवं उसके नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 400 से अधिक सीट मिलेंगी और केंद्र में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनेगी। अमित शाह ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर कोई संशय नहीं है और यहां तक कि कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों को भी एहसास हो गया है कि उन्हें फिर से विपक्ष में बैठना होगा। उन्होंने ‘ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट 2024’ में कहा, ‘‘हमने (पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के) अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया है, इसलिए हमें भरोसा है कि देश की जनता भाजपा को 370 सीट और राजग को 400 से अधिक सीट पर जीत दिलाकर अपना आशीर्वाद देगी।’’ जयंत चौधरी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल (रालोद), शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और कुछ अन्य क्षेत्रीय दलों के राजग में शामिल होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने सत्तारुढ़ गठबंधन में और दलों के शामिल होने का संकेत दिया और कहा कि भाजपा ‘‘परिवार नियोजन में विश्वास करती है लेकिन राजनीति में इसे नहीं अपनाती।’’ शिअद के राजग में शामिल होने की संभावना को लेकर फिर से पूछे जाने पर शाह ने कहा, ‘‘वार्ता जारी है लेकिन कुछ भी तय नहीं हुआ है।’’ शाह ने कहा कि 2024 का चुनाव राजग और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) के बीच नहीं, बल्कि विकास और महज नारे देने वालों के बीच का चुनाव होगा।

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उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बारे में पूछे जाने पर कहा कि नेहरू-गांधी वंशज को इस तरह की यात्रा करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि 1947 में देश के विभाजन के लिए उनकी पार्टी जिम्मेदार थी। सदन में सरकार द्वारा श्वेत पत्र पेश किए जाने के समय को लेकर सवाल किए जाने पर शाह ने कहा कि ऐसा करना आवश्यक था क्योंकि देश को यह जानने का पूरा अधिकार है कि 2014 में सत्ता खोने के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार कैसी अव्यवस्था छोड़ कर गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘उस समय (2014) अर्थव्यवस्था खराब हालत में थी। हर जगह घोटाले हुए। विदेशी निवेश नहीं आ रहा था। अगर हम उस वक्त श्वेत पत्र पेश करते तो दुनिया में गलत संदेश जाता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन 10 साल बाद हमारी सरकार ने अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया है, वह विदेशी निवेश लेकर आई है और कोई भ्रष्टाचार नहीं है इसलिए श्वेत पत्र प्रकाशित करने का यह सही समय है।’’ अयोध्या में राम मंदिर को लेकर गृह मंत्री ने कहा कि 500-550 साल से देश के लोगों का मानना था कि जहां भगवान राम का जन्म हुआ था वहां मंदिर बनना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति के कारण और कानून-व्यवस्था का हवाला देकर राम मंदिर नहीं बनने दिया गया।’’ शाह ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर कहा कि 2019 में बना कानून इस संबंध में नियम जारी करने के बाद लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा।


उन्होंने कहा, ‘‘हमारे मुस्लिम भाइयों को (सीएए के खिलाफ) गुमराह किया जा रहा है और भड़काया जा रहा है। सीएए केवल उन लोगों को नागरिकता देने के लिए है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आए हैं। यह किसी की भारतीय नागरिकता छीनने के लिए नहीं है।’’ शाह ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर कहा कि यह एक संवैधानिक एजेंडा है, जिस पर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और अन्य ने हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कांग्रेस ने तुष्टिकरण के कारण इसे नजरअंदाज कर दिया था। उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करना एक सामाजिक परिवर्तन है। इस पर सभी मंचों पर चर्चा की जाएगी और इसकी कानूनी समीक्षा की जाएगी। एक धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म आधारित नागरिक संहिता नहीं हो सकती।’’


प्रधानमंत्री का संबोधन


हम आपको यह भी बता दें कि इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि वह तीसरे कार्यकाल के लिए पहले से ही पूरी रूपरेखा तैयार करना शुरू कर चुके हैं और 15 लाख से अधिक लोगों से सुझाव लिए हैं। प्रधानमंत्री ने साथ ही कहा कि नया भारत ''अब बेहद तेज गति से काम करेगा।’’ प्रधानमंत्री ने टाइम्स ग्रुप के ‘ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट’ को संबोधित करते हुए कहा था कि वह लगभग डेढ़ साल से देश के विकास को नई गति देने और गरीबी पर अंकुश लगाने के लिए नयी योजनाएं लागू कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाले संप्रग के शासनकाल की तुलना में अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में काम की गति और शासन की शैली में आए बदलाव का ब्योरा देते हुए कहा था कि उनका तीसरा कार्यकाल और भी बड़े फैसलों का गवाह बनेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ''मैं पूरी रूपरेखा तैयार कर रहा हूं (तीसरे कार्यकाल की)...मैंने अनेक प्रकार से 15 लाख से अधिक लोगों से सुझाव लिए हैं। मैं पहली बार ये बात बता रहा हूं। काम जारी है और 20-30 दिन में यह अंतिम रूप ले लेगा। नया भारत इसी तेज गति से काम करेगा। ये मोदी की गारंटी है।’’ इस दौरान लोगों में काफी उत्साह दिखाई दिया।


प्रधानमंत्री ने पिछली सरकार की अर्थव्यवस्था के कथित कुप्रबंधन और राष्ट्रीय सुरक्षा सहित अन्य शासन संबंधी मुद्दों और संसद में लाए गए ‘‘श्वेत पत्र’’ का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने देश को बहुत कठिन संकटों से बचाकर इस स्थिति तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि भारत की क्षमताओं और सफलता के बारे में इतनी सकारात्मक भावनाएं कभी नहीं थीं जितनी अब देखी जा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा समय है जब हमारा उत्पादक निवेश रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और मुद्रास्फीति नियंत्रण में है।’’ उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा समय भी है आलोचकों की संख्या अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। उन्होंने कहा कि लोकलुभावनवाद से दूर रहने के लिए उनकी सरकार के अंतरिम बजट की चौतरफा प्रशंसा हो रही है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सरकार की ओर से लाई गई कई योजना की विस्तार से जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विकास से जुड़े हरेक विशेषज्ञ समूह में इस बात पर चर्चा है कि भारत पिछले 10 वर्षों में बदल गया है। उन्होंने कहा, ‘‘कारोबारियों के लिए कुंभ मेले की तरह मानी जाने वाली दावोस बैठक में भी भारत को लेकर बहुत उत्साह था। वहां किसी ने कहा कि भारत एक अभूतपूर्व सफलता की कहानी है, किसी ने कहा कि भारत का डिजिटल बुनियादी ढांचा नई ऊंचाइयां छू रहा है जबकि किसी ने कहा कि ऐसी कोई जगह नहीं है जहां भारत का प्रभाव न हो।’’


मोदी ने कहा कि किसी भी देश की विकास यात्रा में एक समय ऐसा आता है जब सारी परिस्थितियां उसके पक्ष में होती हैं और उस समय वह देश आने वाली कई शताब्दियों के लिए खुद को मजबूत बनाता है। उन्होंने कहा, ‘‘अब मुझे भारत के लिए वही समय दिखता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह वह समय है जब हमारी वृद्धि दर लगातार बढ़ रही है और राजकोषीय घाटा कम हो रहा है। यह वह समय है जब हमारा निर्यात बढ़ रहा है और चालू खाते का घाटा कम हो रहा है। यह वह समय है जब उत्पादक निवेश रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और मुद्रास्फीति नियंत्रण में है।’’ इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह वह समय है जब अवसर और आय दोनों बढ़ रही है और गरीबी कम हो रही है। यह वह समय है जब खपत और कंपनियों की लाभप्रदता दोनों बढ़ रही है और बैंकों की गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) में रिकॉर्ड गिरावट हुई है। यह वह समय है जब उत्पादन और उत्पादकता बढ़ रही है और यह वह समय है जब हमारे आलोचक अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की नीतियों में स्थिरता और निरंतरता है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति अधिक खर्च करने का दुष्परिणाम है और उनकी सरकार ने परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए ‘बचाया गया पैसा कमाया हुआ पैसा है’ के मंत्र का पालन किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने संसद भवन जैसी बड़ी परियोजनाओं को रिकॉर्ड समय में पूरा करके करदाताओं के पैसे को मान दिया। हमने कबाड़ से भी पैसा कमाया।’’

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