By नीरज कुमार दुबे | Apr 04, 2025
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम की तीखी आलोचना की है और भारतीय स्टार्टअप समुदाय से कहा है कि वे अपना ध्यान किराना सामान की डिलिवरी और आइसक्रीम बनाने से हटाकर सेमीकंडक्टर, मशीन लर्निंग (एमएल), रोबोटिक्स और कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे उच्च प्रौद्योगिकी वाले क्षेत्र पर लगाएं। उन्होंने स्टार्टअप महाकुंभ में कहा कि स्टार्टअप तंत्र में और अधिक भारतीय निवेशकों की जरूरत है। पीयूष गोयल ने कहा, “क्या हम डिलिवरी बॉय बनकर खुश रहेंगे... क्या यही भारत की नियति है... यह स्टार्टअप नहीं है, यह उद्यमिता है... दूसरी तरफ क्या हो रहा है- रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, 3डी विनिर्माण और अगली पीढ़ी के कारखाने आदि।” मंत्री ने कहा कि नए स्टार्टअप को देश को भविष्य के लिए तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने पूछा, “क्या हमें आइसक्रीम या चिप्स बनाना है?” हम आपको बता दें कि पीयूष गोयल का साफ इशारा चीनी स्टार्टअप्स की ओर था जोकि तकनीक के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने भारत की आर्थिक और प्रौद्योगिकी वृद्धि को आगे बढ़ाने में स्टार्टअप की उभरती भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार उन लोगों को सहयोग और सहायता प्रदान करेगी जो अपनी स्टार्टअप यात्रा में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, तथा उन्हें दृढ़ रहने और पुनः प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। मंत्री ने घरेलू पूंजी निवेश बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि विदेशी पूंजी पर निर्भरता कम करने और दीर्घकालिक आर्थिक मजबूती सुनिश्चित करने के लिए स्वदेशी निवेश का मजबूत आधार अत्यंत महत्वपूर्ण है। पीयूष गोयल ने साथ ही भारत के पूंजी आधार को मजबूत करने और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए अधिक घरेलू निवेशकों को आकर्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि हम खाद्य उत्पादों के या हाइपर डिलीवरी ऐप बना रहे हैं; सस्ते श्रम का निर्माण कर रहे हैं ताकि अमीर लोग घर से बाहर निकले बिना भोजन कर सकें, जबकि चीनी ईवी, एआई और सेमीकंडक्टर पर काम कर रहे हैं। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की तुलना उनके चीनी समकक्षों से करके एक तरह से उन्हें आईना भी दिखाया। देशों की तुलना करने वाली एक स्लाइड दिखाते हुए मंत्री ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप फूड डिलीवरी ऐप, फैंसी आइसक्रीम और कुकीज़, इंस्टेंट ग्रॉसरी डिलीवरी, बेटिंग और फैंटेसी स्पोर्ट ऐप और रील्स और इन्फ्लूएंसर इकोनॉमी बनाने में व्यस्त हैं। दूसरी ओर, चीन में स्टार्टअप ईवी और बैटरी तकनीक, सेमीकंडक्टर और एआई, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन, ग्लोबल लॉजिस्टिक्स और व्यापार और डीप टेक और इंफ्रास्ट्रक्चर" पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को विदेशी संस्थाओं द्वारा हिस्सेदारी खरीदने के बजाय अधिक घरेलू पूंजी की आवश्यकता है। इसके लिए, यूनिकॉर्न और उद्योग एक फंड बना सकते हैं। उन्होंने कहा, "बढ़ो और अपना स्वामित्व बनाए रखो। मुझे दुख होता है जब मुझे पता चलता है कि 25 लाख रुपये या 50 लाख रुपये में एक युवा स्टार्ट-अप का शानदार विचार किसी विदेशी कंपनी को बेच दिया गया। आइए कोशिश करें और इस इकोसिस्टम में कुछ और घरेलू पूंजी लाएँ।" उन्होंने कहा कि भारत में हर साल सबसे अधिक संख्या में STEM स्नातक पास होते हैं। क्या आपको गर्व है कि हम डिलीवरी बॉय और गर्ल्स बना रहे हैं? हमें भविष्य के लिए काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान' के नारे में 'जय अनुसंधान' जोड़ा है। हमें इस पर और अधिक आक्रामक तरीके से काम करने की जरूरत है। गोयल ने यहां विकसित किए जा रहे सट्टेबाजी ऐप्स की आलोचना करते हुए कहा कि ये "वास्तविक आर्थिक उत्पादकता के बजाय जुआ और लत को बढ़ावा देते हैं।" उन्होंने कहा कि "चीनी लोग शीन, डीजेआई और अलीबाबा जैसी आपूर्ति श्रृंखला की बड़ी कंपनियों का निर्माण कर रहे हैं जो वैश्विक वाणिज्य को निर्देशित करती हैं।"