अनूपपुर। कहते हैं कि एक शिक्षित महिला से एक परिवार शिक्षित होता है और परिवार से समाज। लेकिन मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के डोला गांव निवासी रूपन बाई खुद अशिक्षित होते हुए दूसरे के लिए शिक्षा का प्ररेणा स्त्रोत बन गई है। खुद शिक्षित नहीं होते हुए 65 वर्षीय रूपन बाई पति कोदू सिंह पाव ने शिक्षा के महत्व को बखूबी न सिर्फ समझा बल्कि शासकीय हाई स्कूल भवन निर्माण के लिए अपनी पुश्तैनी जमीन भी स्कूल निर्माण के लिए दे दी। रूपन बाई की जमीन पर अब स्कूल भवन बनकर तैयार है, जहां बच्चे प्रतिवर्ष पढ़ने के लिए पहुंच रहे हैं।
बताया जाता है कि शिक्षा विभाग द्वारा माध्यमिक स्कूल डोला का उन्नयन करते हुए इसे हाई स्कूल बनाया गया। जिसके बाद स्कूल भवन निर्माण के लिए राशि भी विभाग द्वारा जारी कर दी गई। लेकिन भवन बनने में सबसे बड़ी अड़चन शासकीय भूमि की कमी बन गई। स्कूल के आसपास शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण निर्माण कार्य की प्रक्रिया अटक गई। जिसकी जानकारी बुजुर्ग महिला को होने पर उन्होंने विद्यालय प्रबंधन को अपनी जमीन देने की बात कही। जिसके बाद स्कूल के शिक्षकों द्वारा इसकी जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। भूस्वामी की सहमति मिलने के बाद भवन निर्माण भी पूर्ण हो गया है। रूपन बाई बताती हैं कि गांव में स्कूल नहीं होने के कारण वह शिक्षित नहीं हो पाई है। इसी बात की कसक उनके मन में हमेशा से थी। जिसके बाद यह पता चला कि गांव में स्कूल के लिए जमीन नहीं है इस वजह से स्कूल भवन नहीं बन पा रहा है। इस पर अपनी इस मंशा की जानकारी महिला ने अपने परिजनों को देते हुए उनकी सहमति ली। जिसमें सभी ने सहर्ष इस निर्णय को मानते हुए स्कूल भवन निर्माण के लिए उनके द्वारा लिए इस फैसले पर उसकी सराहना करते हुए भवन निर्माण के लिए भूमि दान कर दी।