By अभिनय आकाश | Mar 26, 2020
चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरस ने दुनियाभर में तबाही मचा दी है। पूरी दुनिया में इसके संक्रमण से मरने वालों की संख्या 21000 से ज्यादा पहुंच गई है। जबकि 1.6 लाख से ज्यादा लोग इसके संक्रमण से जूझ रहे हैं। इसने सबसे ज्यादा तबाही चीन और इटली में मचाई है। भारत में भी कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 600 से ज्यादा पहुंच गई है और अबतक 13 लोगों की मौत हो गई है। कोरोना वायरस को लेकर ICMR ने कहा सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है. अगर इसका कड़ाई से पालन किया जाए तो 89 प्रतिशत तक कमी आएगी।
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क्यों ज़रूरी है सोशल डिस्टेंसिंग?
सोशल डिस्टेंसिंग कोरोना महामारी को लेकर इस शब्द की चर्चा आईसीएमआर से लेकर प्रधानमंत्री तक कई बार कर चुके हैं। सबसे पहले बताते हैं कि आखिर क्यों जरूरी है सोशल डिसटेंसिंग। जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं। इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं। संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. अगर आप किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो ये कण आपके शरीर में पहुंचते हैं। ऐसे में खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करना, बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छूना और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसी कारण कोरोना से बचने के लिए लोगों को एक जगह पर अधिक लोग इकट्ठा न होने देने, एक दूसरे से दूरी बनाए रख कर बात करने या फिर हाथ न मिलाने के लिए कहा जा रहा है।
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कोरोना से लड़ाई में सोशल डिस्टेनसिंग का क्या महत्व है इसका अंदाजा हमें प्रधानमंत्री जनता और मीडिया से लेकर अन्य देशों से अब तक के किए गए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से लगता है।
सार्क देशों से मीटिंग
पीएम मोदी ने सार्क देशों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग का न्योता दिया था, ताकि कोविड-19 के खिलाफ साथ मिलकर लड़ा जा सके। इस समय सार्क देशों में भारत के अलावा अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका हैं।
वाराणसी के लोगों से संवाद
देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के नागिरकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। वाराणसी के लोगों के सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस न ही हमारी संस्कृति को मिटा सकता है और नहीं हमारे संस्कार को।
प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रिंट मीडिया की प्रमुख हस्तियों से मुखातिब हुए थे। उन्होंने कहा, 'अखबारों ने देश के सुदूरवर्ती इलाकों तक सूचना के प्रसार में जो भूमिका निभाई वह काबिल-ए-तारीफ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि संकट के हर वक्त में देश को जागरूक करने और चेतना जगाने में अखबारों की अहम भूमिका रही है।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न मीडिया संस्थानों से जुड़े लोगों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और उनके विचार जाने। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से अपील की है कि वह गलत सूचनाओं के निपटाने में मदद करे, ताकि लोगों में पैदा हो रही दहशत और भ्रम को कम किया जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जी-20 क्रॉन्फ्रेंस में हिस्सा करेंगे। इसकी अध्यक्षता सऊदी अरब करेगा। जी-20 वर्चुअल क्रॉन्फ्रेंस का सुझाव मोदी ने ही दिया था, जिसे मौजूदा मुखिया सऊदी अरब के किंग मोहम्मद बिन सलमान ने स्वीकार कर लिया था। बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित सभी 20 देशों के राष्ट्र प्रमुख शामिल होंगे।