By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 04, 2020
नयी दिल्ली। आधार जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई ने कहा कि नियंत्रित सेवा अवसंरचना प्रदाता (एमएसआईपी) के चयन के लिए उसकी निविदा का निर्धारित मानदंडों के अनुसार अच्छी तरह मूल्यांकन किया गया, और पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता और समानता सुनिश्चित की गई। इससे पहले आईबीएम, विप्रो और डेल जैसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों ने मूल्यांकन प्रक्रिया के संबंध में कथित रूप से कुछ चिंताएं प्रकट की थीं। यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने एमएसआईपी का ठेका देने के लिए निविदाएंमंगायी थीं।
एक सूत्र ने बताया कि बोलियों का तकनीकी मूल्यांकन करने के बाद हेवलेट पैकार्ड एंटरप्राइज (एचपीई) को 100 में 98 अंक दिए गए, जो आईबीएम, टीसीएस और विप्रो से अधिक है। एक अन्य सूत्र के अनुसार परियोजना के लिए एचपीई को अभिरुचि पत्र जारी किया गया है। सूत्र ने बताया कि विप्रो, आईबीएम और डेल ने कुछ महीने पहले यूआईडीएआई से मूल्यांकन प्रक्रिया के बारे में कथित तौर पर कुछ चिंताओं की शिकायत की। संपर्क करने पर विप्रो ने कहा कि कंपनी इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती है।
डेल ने भी टिप्पणी से इनकार किया, जबकि आईबीएम ने ईमेल किए गए प्रश्नों के जवाब नहीं दिए। यूआईडीएआई ने पीटीआई-के सवालों के जवाब में इन आरोपों का जोरदार तरीके से खंडन किया और कहा कि एमएसआईपी निविदा के मूल्यांकन के दौरान सीवीसी दिशानिर्देशों और अन्य नियमों के अनुसार पूरी तरह पारदर्शिता, निष्पक्षता और समानता बरती गई। इससे पहले 25 जून को लिए एक पत्र में विप्रो ने कहा था कि वह ‘‘गुणवत्ता और मूल्यांकन प्रक्रिया की निष्पक्षता’’ को लेकर निराश है और आरोप लगाया कि एचपीई की बोली में कई कमियां थीं। डेल और आईबीएम ने भी पत्र लिखकर ऐसी ही चिंताएं जताई थीं। एचपीई के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी यूआईडीएआई के फैसले का सम्मान करती है और राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना के सफल कार्यान्वय के लिेए काम करेगी।