By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 20, 2022
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने 2023 में यूक्रेन युद्ध खत्म होने की प्रबल उम्मीद जतायी है। साथ ही गुतारेस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ईरानी सरकार की कार्रवाई की निंदा की और सभी देशों से घोर दक्षिणपंथियों से पैदा होने वाले आतंकवादी खतरों से निपटने का आग्रह किया। गुतारेस ने सोमवार को साल के अंत में एक संवाददाता सम्मेलन में व्यापक मुद्दों पर बात की। गुतारेस ने कहा कि उन्हें निकट भविष्य में यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए वार्ता की कोई संभावना नजर नहीं आती है, बल्कि पहले से ही बढ़ रहे सैन्य संघर्ष के जारी रहने की आशंका है।
हालांकि, उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में सबसे विनाशकारी संघर्ष को 2023 के अंत तक रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने का आह्वान किया और उन्हें ऐसा होने (युद्ध का अंत) की पूरी उम्मीद है। गुतारेस ने अन्य वैश्विक मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने अफगानिस्तान के तालिबान शासकों से सरकार में सभी जातीय समूहों को शामिल करने, सभी स्तरों पर लड़कियों के शिक्षा के अधिकार व महिलाओं के काम करने के अधिकारों को बहाल करने और अपने क्षेत्र में सभी आतंकवादी गतिविधियों को रोकने का आग्रह किया। उन्होंने कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर संयुक्त राष्ट्र के संकल्प को दोहराया और कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस दिशा में काम करना चाहिए जो ‘‘पूर्वी एशिया और दुनिया में शांति व सुरक्षा का मौलिक आधार है।’’
ट्विटर सहित सभी सोशल मीडिया मंचों के प्रबंधकों को महासचिव ने कुछ सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि आप पर प्रेस की स्वतंत्रता बनाए रखने की जिम्मेदारी है और साथ ही यह सुनिश्चित करना कि नव-नाज़ियों, श्वेत वर्चस्ववादियों सहित अभद्र तथा कट्टरपंथी विचारकों को उनके मंच पर अपने हित साधने से रोकें। गुतारेस ने वर्ष 2022 पर बात करते हुए कहा कि ‘‘निराशा के बहुत से कारण हो सकते हैं’’ भू-राजनीतिक विभाजन जिसने वैश्विक समस्याओं को हल करना असंभव नहीं तो कठिन बना दिया है, जीवन-बसर करने का संकट, दुनिया के बेहद गरीब देशों में बढ़ती असमानताओं, ‘‘दिवालिया व ‘डिफॉल्ट’ के बीच की खाई और गहरी हो रही है।’’
उन्होंने कहा कि ऋण सेवा भुगतान में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो कई दशकों में सबसे अधिक है। गुतारेस ने कहा कि इस साल के अंत के साथ ही, ‘‘हम निराशा को पीछे छोड़ने, मायूसी से लड़ने और वास्तविक समाधान खोजने के लिए काम कर रहे हैं।’’ महासचिव ने दुनिया की भूमि व जल संरक्षण के लिए हुए ऐतिहासिक समझौते का जिक्र किया, जो विकासशील देशों को जैव विविधता को बचाने के लिए धन मुहैया कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार हम प्रकृति के साथ एक शांति समझौता करना शुरू कर रहे हैं।