रूस के हमले की आशंकाओं के बीच यूक्रेन विद्रोहियों ने सैन्य लामबंदी की

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 20, 2022

मास्को| पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादी नेताओं ने क्षेत्र में हिंसा बढ़ने और इसकी आड़ में रूस के आक्रमण करने को लेकर पश्चिमी देशों की आशंका के बीच शनिवार को पूर्ण सैन्य लामबंदी का आदेश दिया।

दोनेत्स्क क्षेत्र में रूस समर्थक अलगाववादी सरकार के प्रमुख डेनिस पुशिलिन ने शनिवार को एक बयान जारी कर पूर्ण सैन्य लामबंदी की घोषणा की और रिजर्व बल के सदस्यों से सैन्य भर्ती कार्यालय में आने का अनुरोध किया।

अगले कुछ दिनों में युद्ध की आशंका के बीच जर्मनी और ऑस्ट्रिया ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा है। जर्मन एयर कैरियर लुफ्थांसा ने राजधानी, कीव और ओडेसा के लिए उड़ानें रद्द कर दीं। लुहांस्क में एक अन्य अलगाववादी नेता लियोनिद पेसेचनिक ने भी ऐसी ही घोषणा की है।

पुशिलिन ने यूक्रेन की सेना से ‘‘आक्रमण के आसन्न खतरे’’ का हवाला दिया है। हालांकि, यूक्रेन के अधिकारियों ने इन आरोपों से इनकार कर दिया है। पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष वाले मोर्चे के दौरे के दौरान यूक्रेन के शीर्ष सैन्य अधिकारी वहां हुई गोलाबारी की चपेट में आ गए।

अधिकारियों ने गोलाबारी से बचने के लिए क्षेत्र में बनाए गए बमरोधी आश्रय स्थल में शरण ली। क्षेत्र के दौरे पर गए ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के एक पत्रकार ने यह जानकारी दी। यूक्रेन और रूस समर्थित विद्रोहियों के कब्जे वाले दो क्षेत्रों ने एक-दूसरे पर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया। रूस ने शनिवार को कहा कि पूर्वी यूक्रेन की सरकार के कब्जे वाले हिस्से से दागे गए कम से कम दो गोले सीमा पार गिरे। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने दावे को ‘‘एक फर्जी बयान’’ बताते हुए खारिज कर दिया। यूक्रेन की सेना ने कहा कि दोनेत्स्क क्षेत्र की सरकार के कब्जे वाले हिस्से में शनिवार तड़के गोलाबारी में एक सैनिक की मौत हो गई।

अलगाववादी और यूक्रेन के सैनिक तकरीबन आठ वर्षों से लड़ रहे हैं, लेकिन दोनों पक्षों को अलग करने वाली सीमा पर हिंसा हाल के दिनों में बढ़ गयी है, जिसमें दोनेत्स्क में एक कार में बम विस्फोट और एक मानवीय राहत सामग्री ले जा रहे काफिले पर बमबारी भी शामिल है।

ऐसा अनुमान है कि रूस ने यूक्रेन के साथ लगती सीमा पर 1,50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है। यूक्रेन की सेना ने कहा कि दोनेत्स्क क्षेत्र की सरकार के कब्जे वाले हिस्से में शनिवार को गोलाबारी में एक सैनिक की मौत हो गई और अलगाववादी बल जवाबी कार्रवाई के प्रयास में आवासीय क्षेत्रों में तोपखाने लगा रहे हैं। दोनेत्स्क और लुहांस्क में अलगाववादी प्राधिकारियों ने शुक्रवार को महिलाओं, बच्चों तथा बुजुर्गों को पड़ोसी रूस भेजने की घोषणा की थी।

इन प्रयासों के तुरंत बाद विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों में कई विस्फोट हुए थे। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्हें यकीन है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन और उसकी राजधानी कीव पर आक्रमण करने का फैसला कर लिया है।

  इस बीच, रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ ने घोषणा की है कि वह शनिवार को बड़े पैमाने पर परमाणु अभ्यास करेगा और पुतिन ने पश्चिमी देशों से आसन्न खतरों के मद्देनजर रूस के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने का वचन दिया है। बाइडन ने फिर से चेताया है कि यूक्रेन पर आक्रमण करने की स्थिति में रूस के खिलाफ और कड़े आर्थिक और राजनयिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे।

एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि यूक्रेन सीमा के आसपास तैनात सुरक्षा बलों के अनुमानित तौर पर 40 से 50 प्रतिशत जवान सीमा के पास हमले की स्थिति में तैनात हैं। रूस और अमेरिका के बीच वार्ता के भी प्रयास हो रहे हैं।

अमेरिकी और रूसी रक्षा प्रमुखों ने शुक्रवार को बात की। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव अगले सप्ताह मिलने पर सहमत हुए हैं।

फिलहाल, सबसे ज्यादा खतरा पूर्वी यूक्रेन में है, जहां अलगाववादी संघर्ष 2014 में शुरू हुआ और इसमें 14,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। पुशिलिन ने कहा कि महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग पहले जाएंगे और रूस ने उनके रहने का बंदोबस्त किया है। उन्होंने एक वीडियो बयान में आरोप लगाया कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेन्स्की इलाके में जल्द ही आक्रमण का आदेश देने जा रहे हैं। प्राधिकारियों ने दोनेत्स्क में एक अनाथालय से बच्चों को निकालना शुरू कर दिया है और अन्य निवासी भी रूस जाने वाली बसों में सवार हो रहे हैं।

गैस स्टेशनों पर लंबी कतारें लग गयी हैं, क्योंकि ज्यादातर लोगों ने खुद से जाने की तैयारी कर ली है। पुतिन ने सरकार को क्षेत्र को छोड़कर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को करीब 130 डॉलर देने का आदेश दिया है, जो युद्धग्रस्त दोनबास क्षेत्र में औसत मासिक वेतन का आधा है।

अलगाववादी अधिकारियों के मुताबिक, विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों से शनिवार सुबह तक 6,600 से अधिक निवासियों को रूस ले जाया गया।

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