By अंकित सिंह | May 31, 2023
उज्जैन स्थित प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे में स्थापित छह मूर्तियों के गिर कर टूट जाने के बाद से राज्य की राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है तो वहीं भाजपा का दावा है कि तेज आंधी की वजह से ऐसा हुआ है। ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे की छह प्रतिमाएं रविवार दोपहर आयी तेज आंधी के चलते गिरकर टूट गई थीं। ये टूटी प्रतिमाएं वहां स्थापित किये गये सप्त ऋषियों में से छह की हैं जो करीब 11 फुट ऊंची थीं। इन सब के बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी भाजपा और शिवराज सरकार पर निशाना साधा है।
दिग्विजय सिंह का वार
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि महाकाल मंदिर के विकास के लिए कमलनाथ जी ने साढ़े 3 करोड़ रुपए मंजूर किए लेकिन दुर्भाग्य से हमारी सरकार चली गई और ठेका मिला किसको? सप्तऋषि की मूर्तियां जिसके एक-एक मूर्तियों पर 45 लाख खर्च हुए वो हवा के झोंके से गिर गई लेकिन शासन-प्रशासन ने कहा कि हवा तेज थी इसलिए मूर्तियां गिर गईं। उन्होंने कहा कि 7 मूर्तियों में से 6 मूर्तियां जो गिरी हैं इसकी पूरी जवाबदारी ठेकेदार के साथ-साथ उन सभी अधिकारियों की है जिन्होंने ठेका मंजूर किया है उन ठेकेदार को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर आरोप लगाया कि बीजेपी धर्म के नाम पर व्यवसाय करती है।
कमलनाथ का ट्वीट वार
पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि बाद की सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से महाकाल लोक परिसर में आंधी चलने से देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं, वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं गिरी हैं, वहां नई प्रतिमाएं तुरंत स्थापित की जाएं और घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए।
सरकार का दावा
भाजपा नीत मध्य प्रदेश सरकार ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को मंगलवार को खारिज कर दिया और इस घटना के लिए तेज बारिश एवं आंधी के साथ आये बवंडर को जिम्मेदार ठहराया। सरकार ने यह भी दावा किया कि इन मूर्तियों को स्थापित करने का कार्यादेश सात मार्च 2019 को तत्कालीन कांग्रेस शासन के दौरान जारी किया गया था।