By अंकित सिंह | Mar 29, 2023
शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और संसद में विरोध प्रदर्शन में भाग लेगी। दरअसल, सावरकर को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान के बाद दोनों दलों में दूरियां देखने को मिली। उद्धव ठाकरे ने तो राहुल गांधी को चेतावनी भी दे दी थी। वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के नेता कांग्रेस अध्यक्ष मलिल्कार्जुन खड़गे द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इसी के बाद से लगातार चर्चाओं का दौर जारी है। विपक्षी एकता को लेकर इसे बड़ा झटका माना जडा रहा था। अब उद्धव ठाकरे गुट की ओर से तमाम बातों को खारिज किया गया है।
संजय राउत ने कहा कि हम अपने आंतरिक मुद्दों को लेकर दो दिन पहले (कांग्रेस के साथ) चर्चा कर चुके हैं। हम खड़गे जी के आवास पर बैठक में शामिल नहीं हुए लेकिन महाराष्ट्र और देश में विपक्ष एकजुट है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम आज विपक्ष की बैठक में जरूर शामिल होंगे और धरने में भी शामिल होंगे। खबर है कि राहुल गांधी द्वारा वी डी सावरकर की तीखी आलोचना करने को लेकर महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में तनाव के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने हस्तक्षेप करके कांग्रेस नेतृत्व को इस मुद्दे पर शिवसेना की चिंताओं से अवगत कराया है। इसी के बात उद्धव गुट का तेवर थोड़ा नरम हुआ है।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस द्वारा सावरकर की आलोचना की वजह से महाराष्ट्र में उसके गठबंधन साझेदार राकांपा और शिवसेना में असहजता है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ अपनी बातचीत में सावरकर मुद्दे को उठाया था और एमवीए सहयोगियों के बीच इस मामले पर सहमति है। शिवसेना के ठाकरे गुट के सांसदों की एक बैठक के बाद राउत ने कहा, ‘‘लगभग सभी विपक्षी नेताओं का विचार था कि सावरकर के मुद्दे को उठाने की कोई जरूरत नहीं है। हमें यह तय करना होगा कि हमें मोदी से लड़ना है या सावरकर से और भ्रम उत्पन्न नहीं करना है।’’