Prabhasakshi NewsRoom: BJP-RSS के गढ़ Nagpur में गरजते हुए Thackeray ने Fadnavis को बताया कलंक, गर्मायी Maharashtra Politics

By नीरज कुमार दुबे | Jul 11, 2023

शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के गढ़ नागपुर में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इन दोनों नेताओं को आड़े हाथ लिया है जिससे राज्य की राजनीति गर्मा गयी है। हम आपको बता दें कि गडकरी नागपुर से सांसद हैं जबकि फडणवीस यहां से विधायक हैं। नागपुर में ही आरएसएस का मुख्यालय भी है इसीलिए यह शहर विशेष रूप से भाजपा का गढ़ माना जाता है। ऐसे में भाजपा के गढ़ में घुसकर जिस तरह ठाकरे ने सीधा फडणवीस पर निशाना साधते हुए उन्हें कलंक करार दिया है उससे प्रदर्शित हो रहा है कि राज्य की राजनीति अब निजी हमलों पर आ गयी है।


यही नहीं, ठाकरे ने यह भी दावा किया है कि भाजपा देश को तानाशाही की ओर ले जा रही है। उन्होंने एकनाथ शिंदे धड़े पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से महाराष्ट्र में काम नहीं चलेगा। पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने नागपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उनसे राज्य की जनता के बीच जाकर उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गलत कामों से अवगत कराने का अनुरोध किया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश तो जा सकते हैं, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन मणिपुर नहीं जा रहे, जहां तीन मई से जारी हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने उन लोगों को अपने साथ लेकर हिंदुत्व को धोखा दिया है जो अन्य पार्टियों को छोड़ चुके हैं। उन्होंने शिंदे गुट और दो जुलाई को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में टूट के बाद उसके नौ विधायकों के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने की ओर इशारा करते हुए यह बात कही।

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उन्होंने कहा, “हमारा हिंदुत्व शुद्ध और स्वच्छ है और हमारे हिंदुत्व में ऐसी धोखेबाजी के लिए कोई जगह नहीं है।” ठाकरे ने शिंदे धड़े का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग बाल ठाकरे का नाम ले रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि महाराष्ट्र में मोदी के नाम से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा और उसके “सर्वोच्च नेता” (मोदी) को मई में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बजरंग बली के नाम पर वोट मांगने पड़े, लेकिन इससे काम नहीं चला। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने आपातकाल (1975) का विरोध किया था, उन्होंने लोगों पर प्रतिबंध लगाकर और फर्जी मामले दर्ज करके पूरे देश में अघोषित आपातकाल लागू कर दिया है।


उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा, "आपको अभी बोलना चाहिए, नहीं तो हम 2024 के बाद नहीं बोल पाएंगे। हमारा देश चीन, रूस और उत्तर कोरिया की तरह तानाशाही की ओर बढ़ रहा है। अभी बोलें और लोगों को साथ लेकर आगे बढ़ें।" मणिपुर में हिंसा पर चुप्पी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने सवाल किया कि वहां दंगाई भीड़ को हथियार कैसे मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, 'डबल इंजन सरकार होने के बावजूद मणिपुर क्यों जल रहा है?'


फडणवीस के गृह क्षेत्र नागपुर में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा, ‘‘भाजपा नेता नागपुर पर एक ‘कलंक’ हैं क्योंकि उन्होंने कहा था कि वह राकांपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन फिर भी उन्होंने ऐसा किया।” ठाकरे ने फडणवीस का पुराना ऑडियो क्लिप चलाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह कभी राकांपा से हाथ नहीं मिलाएंगे। ठाकरे ने यह वीडियो चलाते हुए कहा था कि भाजपा नेता की “ना का मतलब हां” होता है।


इस बीच, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को कथित तौर पर ‘कलंक’ कहने के लिए ठाकरे की निंदा की। जबकि भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने नागपुर हवाई अड्डे के पास ठाकरे के पोस्टर फाड़ने के बाद उनके खिलाफ नारे लगाए। गडकरी ने ठाकरे की टिप्पणी की निंदा की। गडकरी ने ट्वीट किया, “नागपुर में श्री देवेन्द्र जी के बारे में श्री उद्धव ठाकरे का बयान निंदनीय है। राजनीतिक भाषा गिर चुकी है। उन्हें हमारी सरकार के दौरान किए गए विकास कार्यों और उनके द्वारा किए गए कार्यों पर चर्चा करनी चाहिए, लेकिन इस तरह से इतने निचले स्तर के व्यक्तिगत आरोप लगाना महाराष्ट्र की संस्कृति के अनुरूप नहीं है।” 


दूसरी ओर, शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने ठाकरे की फडणवीस के बारे में की गयी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र की राजनीति में जो आजतक नहीं हुआ था वह हो गया और राज्य की राजनीतिक संस्कृति को नुकसान पहुँचाया गया। उन्होंने कहा कि ठाकरे ने सिर्फ यही बात कही थी।

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