By अभिनय आकाश | Jun 29, 2022
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कैबिनेट बैठक के लिए मुंबई के मंत्रालयल पहुंचे हैं। शिवसेना औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर, उस्मानाबाद को धाराशिव करने का प्रस्ताव पास किया है। उद्धव ठाकरे की ओर से पेश किए इस प्रस्ताव पर एनसीपी और कांग्रेस खुश नहीं बताई जा रही है। राज्य के ऐतिहासिक महत्व वाले शहर औरंगाबाद का नाम परिवर्तित करने का कदम सरकार ने ऐसे वक्त उठाया है जब महा विकास आघाड़ी (एमबीए) संगठन की अगुवाई कर रही शिवसेना बड़ी संख्या में अपने विधायकों की बगावत का सामना कर रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आगामी नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का नाम किसान नेता दिवंगत डीबी पाटिल के नाम पर रखने को भी मंजूरी दी गई।
दिलचस्प बात यह है कि राज्य योजना एजेंसी सिडको ने पहले नवी मुंबई हवाई अड्डे का नाम शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के नाम पर रखने का प्रस्ताव दिया था। कैबिनेट की बैठक में कांग्रेस ने पुणे का नाम बदलने की मांग की है। कांग्रेस की ओर से पुणे का नाम जिजाऊ नगर करने की मांग की गई। इसके साथ ही कांग्रेस की ओर से शिवड़ी, नवा शेवा ट्रांस हार्बर ली के रोड का नाम बेरिस्टर ए आर अंतुले नाम रखने और नवी मुंबई एयरपोर्ट का नाम डीवाई पाटिल करने की मांग की गई। कांग्रेस के मंत्री वर्षा गायकवाड़ और असलम शेख मुंबई में चल रही कैबिनेट बैठक से वाक आउट कर गए।
गौरतलब है कि जब शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन समाप्त किया था और कांग्रेस तथा राकांपा के साथ हाथ मिलाया था तभी से भाजपा उसे औरंगाबाद का नाम बदलने की अपनी पूर्व की मांगों की याद दिलाती रही है। औरंगाबाद नाम मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर रखा गया था।