By रेनू तिवारी | Jul 19, 2022
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को शिवसेना के कई नेताओं को "पार्टी विरोधी" गतिविधियों को लेकर बर्खास्त कर दिया। नेताओं में रामदास कदम और पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल जैसे बड़े नाम शामिल थे।दोनों नेताओं ने पहले शिवसेना से इस्तीफा दे दिया था और ठाकरे को एक पत्र भेजा था। कदम ने दावा किया था कि ठाकरे मुख्यमंत्री रहते हुए हमेशा व्यस्त रहते थे और हमेशा उनका "अपमान" करते थे।
उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के कई नेताओं को किया पार्टी से बर्खास्त
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सोमवार को वरिष्ठ नेता रामदास कदम और पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पार्टी से बर्खास्त कर दिया। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री कदम ने ‘‘शिवसेना नेता’’ के रूप में इस्तीफा देते हुए एक पत्र ठाकरे को भेजा था जिसमें दावा किया गया था कि उनका लगातार अपमान किया गया, जबकि ठाकरे मुख्यमंत्री रहते हुए हमेशा व्यस्त रहते थे। अपने पत्र में कदम ने शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के बीच 2019 के चुनाव के बाद के गठबंधन पर अपनी पीड़ा व्यक्त की, जिसे उन्होंने शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के विचारों के साथ विश्वासघात बताया। अमरावती लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री अडसुल ने छह जुलाई को पार्टी से इस्तीफा देते हुए एक पत्र लिखा था। ठाकरे ने सोमवार शाम को कदम और अडसुल को बर्खास्त करने की घोषणा की।
एकनाथ शिंदे के समर्थन में थे कदम और अडसुल
कदम और अडसुल की बर्खास्तगी, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद महाराष्ट्र में भारी राजनीतिक तूफान पर एक महत्वपूर्ण सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले आती है। बुधवार को शीर्ष अदालत विधायकों की अयोग्यता और पार्टी के भीतर व्हिप और नियुक्तियों की वैधता के संबंध में दोनों पक्षों की याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। रत्नागिरी जिले के रहने वाले कदम 1990 में पहली बार विधान सभा (एमएलए) के सदस्य बने और तीन बार और जीते।
उन्हें 2005 में शिवसेना नेता के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने 2005 से 2009 तक महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भी कार्य किया। वह 2010 में पहली बार और फिर 2015 में एमएलसी बने।
कदम ने 2014-19 में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी-शिवसेना सरकार में राज्य के पर्यावरण मंत्री के रूप में कार्य किया था। जब ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सत्ता में बनी रही (नवंबर 2019 से जून 2022 तक) तो कदम इस बात से नाराज थे कि उन्हें कोई मंत्री पद नहीं दिया गया था।
पिछले महीने शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे ने 39 विधायकों के साथ पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी थी। रत्नागिरी जिले के दापोली से विधायक रामदास कदम के बेटे योगेश कदम भी शिंदे खेमे में शामिल हुए थे। शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
रामदास कदम ने अपने पत्र में कहा "मेरे विधायक पुत्र योगेश और मेरा लगातार अपमान किया गया और आप मुख्यमंत्री बनने के बाद हमेशा व्यस्त रहते थे। मुझे दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा शिवसेना नेता के रूप में नियुक्त किया गया था। हालांकि, मुझे एहसास हुआ कि उनकी मृत्यु के बाद पद का कोई मतलब नहीं है।