By अनुराग गुप्ता | Jun 21, 2021
लखनऊ। देश की बढ़ती आबादी के बारे में अब विचार विमर्श शुरू हो गया है। टू चाइल्ड पॉलिसी के बारे में गहन चिंतन किया जा रहा है। असम के बाद अब उत्तर प्रदेश में टू चाइल्ड पॉलिसी के लिए मसौदा तैयार किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के राज्य विधि आयोग ने कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है।
अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट 'इकनॉमिक टाइम्स' के मुताबिक उत्तर प्रदेश के राज्य विधि आयोग के चेयरमैन एएन मित्तल ने बताया कि टू चाइल्ड पॉलिसी का मसौदा दो माह के भीतर तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मसौदा बनाने में आम लोगों की राय को भी शामिल किया जाएगा। इस पॉलिसी के तहत दो अधिक बच्चे वालों को सरकारी योजनाओं से वंचित रखा जाएगा।
असम की हिमंत विस्वा सरमा सरकार ने सर्वप्रथम टू चाइल्ड पॉलिसी को लागू करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया था कि प्रदेश की सभी योजनाओं में टू चाइल्स पॉलिसी तुरंत लागू नहीं होगी क्योंकि कई योजनाओं का संचालन केंद्र द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा था कि कुछ ऐसी योजनाएं हैं जिसमें हम टू चाइल्ड पॉलिसी को लागू नहीं कर सकते। जिनमें स्कूलों और कॉलेजों में मुफ्त शिक्षा या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास इत्यादि शामिल है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के राज्य विधि आयोग के चेयरमैन एएन मित्तल ने टू चाइल्ड पॉलिसी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह किसी भी तरह से दंडात्मक नहीं होगा। हालांकि दो अधिक बच्चों वाले परिवार को सरकारी योजनाओं से वंचित रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि पॉलिसी तैयार करने के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान, असम के साथ-साथ चीन और कनाडा पर अध्ययन किया जाएगा। जहां पहले यह पॉलिसी पहले से ही लागू है।
एएन मित्तल ने बताया कि मसौदा तैयार होने के बाद प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा। जहां पर अन्य योजनाओं को जोड़ने के बारे में फैसला लिया जाएगा।