By प्रिया मिश्रा | Jan 12, 2022
आजकल खानपान की खराब आदतों और सुस्त जीवनशैली के कारण कई लोग मोटापे की समस्या से ग्रस्त हैं। ऐसे में वजन कम करने के लिए लोग तरह-तरह की डाइट फॉलो करते हैं। आजकल वेट लॉस के लिए डुब्रो डाइट बहुत लोकप्रिय हो रही है। 'द रियल हाउसवाइव्स' रियलिटी शो के स्टार्स हीथर डुब्रो और उनके पति टेरी डुब्रो ने गॉड ब्रूटाइड नामक किताब प्रकाशित की है। इस किताब में उन्होंने डुब्रो डाइट के बारे में जानकारी दी है। इस डाइट में इंटरमिटेंट फास्टिंग और लो कार्ब डाइट फॉलो की जाती है।
जल्दी वजन कम करने में मिलती है मदद
हीथर और टेरी डुब्रो के मुताबिक यह डाइट फॉलो करने से जल्दी वजन कम करने में मदद मिलती है। इसकी मुख्य वजह उपवास रखना है। एक शोध के अनुसार 3 से 12 सप्ताह तक रुक-रुक कर उपवास करने में से 8% तक वजन कम हो सकता है। इसके अलावा डुब्रो डाइट में आपको प्रोटीन और हेल्दी फैट जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना होता है जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इससे पेट की चर्बी को भी आसानी से कम किया जा सकता है।
डुब्रो डाइट का पहला स्टेप
डूब्रो डाइट को तीन स्टेप्स में बांटा गया है। पहले स्टेप में आपको 16 घंटे तक उपवास रखना होता है और बाकी के 8 घंटों में ही आप खाना खा सकते हैं। इस डाइट की शुरुआत करने से पहले आपको पहले स्टेप को 2 से 5 दिनों तक के लिए फॉलो करना जरूरी है। इस स्टेप के दौरान आप प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, बिना स्टार्च की सब्जियां, फल और डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन कर सकते हैं।
दूसरा स्टेप
दूसरे स्टेप में 12 से 16 घंटे तक उपवास करना होता है और बाकी के बचे हुए समय में आप खाना खा सकते हैं।
तीसरा स्टेप
तीसरे और आखिरी स्टेप में आपको हफ्ते में दो बार 16 घंटे प्रतिदिन और बचे हुए 5 दिनों के दौरान 12 घंटे प्रतिदिन उपवास करना होता है। बाकी के बचे हुए समय के दौरान आप पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं।
कई अन्य समस्याओं से भी मिलता है छुटकारा
डुब्रो डाइट ना केवल वजन घटाने में बल्कि अन्य समस्याओं में भी फायदेमंद है। इस डाइट में लो कार्ब वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना होता है जिससे खून में शुगर का स्तर नियंत्रित करने और इंसुलिन की क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। यह डाइट मस्तिष्क की कार्य क्षमता सुधारने में भी मददगार साबित हो सकती है।
हो सकती हैं ये परेशानियां
हालांकि इस डाइट को फॉलो करने में शुरुआत में कठिनाई हो सकती है। इसके अलावा आपको डाइट के दौरान थकान, कमजोरी और मूड में बदलाव जैसे समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। टाइप वन डायबिटीज या बीपी के मरीजों को डॉक्टर की सलाह के बाद ही इस डाइट को फॉलो करना चाहिए।
- प्रिया मिश्रा