जाने-माने उद्योगपति और बजाज ग्रुप के चेयरमैन राहुल बजाज अचानक से ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे। उनके एक बयान पर ट्विटर पर उसके पक्ष और विरोध में तीखी बहस छिड़ गई। दरअसल, बजाज ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि देश में भय का माहौल है और लोग सरकार की आलोचना करने से डर रहे हैं। बजाज के इस बयान का विडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और पूरे दिन बजाज ट्विटर पर ट्रेंड करते रहे। तमाम ट्विटर यूजर्स ने बजाज की तारीफ की तो कई ने उनके बयान की आलोचना भी की। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और बीजेपी एक बार फिर आमने-सामने है।
राहुल बजाज और अमित शाह के बीच की तकरार के बाद कांग्रेस और बीजेपी का मीडिया सेल और प्रवक्ता भी जमकर एक्टिव हो गए। कांग्रेस पार्टी ने भी बजाज के बयान को ट्वीट करते हुए लिखा कि सत्ता के सामने सवाल उठाना कठिन तो है लेकिन जरूरी है। पहले चार लाइनों में समझ लीजिए कि कौन हैं राहुल बजाज।
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राहुल बजाज बजाज समूह के चेयरमैन हैं और भारत के स्वतंत्रता सेनानी जमनलाल बजाज के पोते हैं। हावर्ड बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की है और दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज में पढ़ने के साथ गर्वनमेंट लॉ कॉलेज के भी छात्र रहे हैं। साल 1965 में उन्होंने बजाज समूह की कमान संभाली थी। 2001 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। वहीं 2006 में महाराष्ट्र से निर्दलीय सांसद के रूप में चुनकर राज्यसभा पहुंचते हैं।
नेहरू-गांधी परिवार से है खास कनेक्शन
बरसों पहले शेखर गुप्ता को इंटरव्यू देते हुए राहुल बजाज ने खुद इस बात का जिक्र किया था कि जब उनकी माँ ने नेहरूजी से अपने बेटे के लिए नाम सुझाने को कहा तो नेहरू ने अपने मन में अपने नाती के लिए सोचकर रखा गया नाम ही प्रस्तावित किया, राहुल। बाद में इंदिरा ने उनकी मां को उलाहना दिया कि उन्होंने उनके बेटे का नाम चुरा लिया! इसकी भरपाई इस तरह की गई कि राहुल बजाज ने अपने बेटे का नाम राजीव रखा और राजीव गांधी और सोनिया गाँधी के बेटे का नाम राहुल रखा गया। राहुल बजाज पुत्र हैं कमलनयन बजाज के जो जमनालालजी के बड़े पुत्र थे। उनके छोटे भाई थे रामकृष्ण बजाज। कमलनयन तो नहीं, लेकिन रामकृष्ण राजनीति में और कांग्रेस पार्टी में सक्रिय रहे। नेहरू से परिवार के कितने क़रीबी रिश्ते थे।
1980 के दशक में बजाज ऑटो एक शीर्ष स्कूटर निर्माता कंपनी थी। इसके चेतक ब्रांड के बारे में कहा जाता था कि इसकी 10 साल की प्रतीक्षा अवधि थी। बजाज स्कूटर का ऐड आज भी खूब पंसद किया जाता है। हालांकि उनके बयान के बाद 'बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर' फिर से चर्चाओं में है। राहुल बजाज को 1985 में बिजनेसमैन ऑफ ईयर अवार्ड से नवाजा गया था।
राहुल बजाज दुनिया के अरबपतियों की फोर्ब्स 2016 की सूची में 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की संपत्ति के साथ 722वें स्थान पर थे। राहुल बजाज के दो बेटे और एक बेटी हैं। उनके दोनों बेटे राजीव बजाज और संजीव बजाज कंपनियों के प्रबंधन में शामिल हैं। वहीं, बेटी सुनैना की शादी टेमासेक के पूर्व प्रमुख मनीष केजरीवाल से हुई है।
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राहुल बजाज के मोदी सरकार पर सवाल उठाए जाने के बाद डर के माहौल को लेकर चर्चा जोरों पर है। लेकिन ऐसे में एक सवाल ये भी है कि क्या यूपीए की सरकार में लोग जिसकी चाहते थे, उसकी आलोचना कर पाते थे? जैसा बयान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के सामने दिया है। वैसे इस तरह के कोई वीडियो तो सामने नहीं आए जिसमें बजाज सोनिया गांधी या यूपीए सरकार के सामने आलोचना कर रहे हों। लेकिन बीजेपी की मीडिया सेल ने राहुल के महिमामंडन के वीडियों जरूर शेयर कर दिए। जिसमें राहुल बजाज खुलकर राहुल गांधी के भाषणों की तारीफों के पुल बांधते नजर आ रहे हैं।
अमित मालवीय ने राहुल बजाज के उस बयान पर भी ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वो कभी मिनिस्टर्स से नहीं मिलते। अमित मालवीय ने आईआईएम की एक केस स्टडी ट्वीट करते हुए लिखा-क्या राहुल बजाज ने ऐसा कहा कि वो मंत्रियों से नहीं मिलते हैं? राहुल बजाज ने स्कूटर्स इंडिया में हेरफेर करने के लिए अपने मिनिस्ट्रियल कॉन्टैक्ट का इस्तेमाल किया। बजाज बहरहाल, किस डर की बात राहुल बजाज कर रहे हैं ये तो राहुल बजाज ही बेहतर समझ रहे होंगे। क्या वो डर ED, CBI और आयकर विभाग की सक्रियता को लेकर है जिसकी बात चुनावों से पहले शरद पवार कर रहे थे? या वो डर जिसका मुद्दा अक्सर राहुल गांधी उठाते रहते हैं और कहते हैं कि बोलने की आजादी नहीं रह गयी है। या फिर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लगता है कि मौजूदा सरकार संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट कर रही है। राहुल बजाज के डर की वजह जो भी रही हो, लेकिन गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उनके साथ साथ बाकी उद्योगपतियों को भी आश्वस्त किया है कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है। आम चुनाव से पहले तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना था - अगर किसी को डर लगता है तो अच्छा है।
- अभिनय आकाश