By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 26, 2020
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस के विषय पर हो रही उनकी नियमित प्रेस वार्ता उनके “समय और प्रयास” की बर्बादी है, क्योंकि पारंपरिक मीडिया उनसे सिर्फ “प्रतिकूल” सवाल करती है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन पहले पराबैंगनी किरणों या सूई से रोगाणुनाशक देकर कोविड-19 मरीजों के इलाज की संभावना की सलाह पर उन्हें तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
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ट्रंप को अपने अजीबो-गरीब सुझाव के लिए बृहस्पतिवार को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा, जहां स्वास्थ्य विशेषज्ञों को लोगों से राष्ट्रपति की “खतरनाक” सलाह नहीं मानने की अपील करनी पड़ी। एक माह से भी ज्यादा वक्त तक कोरोना वायरस पर नियमित प्रेस वार्ता करने के बाद, ट्रंप शनिवार को सामने नहीं आए और उन्होंने यह संकेत दिया कि वह व्हाइट हाउस संवाददाता सम्मेलनों को रोकने के बारे में विचार कर रहे हैं। उन्होंने करीब 45 मिनट बाद ट्विटर पर अपनी वार्ताओं के विषय के बारे में कहा।
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ट्रंप ने लिखा, “व्हाइट हाउस प्रेस वार्ता का क्या मकसद है जब पारंपरिक मीडिया केवल प्रतिकूल प्रश्न करती है और फिर सच्चाई दिखाने से या तथ्यों को सही-सही सामने रखने से इनकार कर देती है।” उन्होंने कहा, “उन्हें अच्छी रेटिंग मिल जाती है और अमेरिकी लोगों को कुछ नहीं फर्जी खबरें मिलती हैं। यह समय और प्रयास की बर्बादी है।” ट्रंप ने बृहस्पतिवार को यह कहकर दर्शकों को चौंका दिया था कि डॉक्टर कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज उनके शरीर में पराबैंगनी किरणों को या घर में इस्तेमाल होने वाले रोगाणुनाशकों को सूई के जरिए पहुंचाकर कर सकते हैं। शीर्ष चिकित्सा विशेषज्ञों और रोगाणुनाशक उत्पादकों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया मिलने के बाद शनिवार को ट्रंप ने सफाई दी कि उन्होंने यह ‘व्यंग्य’ में कहा था। खाद्य एवं औषधि प्रशासन के पूर्व प्रमुख स्कॉच गोटिलेब ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में किसी भी व्यक्ति को रोगाणुनाशक का प्रवेश शरीर में नहीं कराना चाहिए। लाइजॉल बनाने वाली कंपनी ने भी अपने उत्पादों के सेवन के खिलाफ आगाह किया था।