By अभिनय आकाश | Nov 12, 2024
सदी का सबसे बड़ा कमबैक, जिसकी कल्पना के रास्ते चार साल पहले बंद हो गए थे। जब दुनिया ने ये मान लिया था कि वो इतना दागदार हो गया है कि दोबारा उस पर दांव भी नहीं लगाया जाएगा। जब राजनीतिक के जानकार और कलमकार इस बात पर मुहर लगा चुके थे कि वो चूक चुका है। कुछ वक्त पहले तक लग रहा था कि वो जेल जाएगा। तब वक्त के थपेड़ों को झेलते हुए सियासी बाधाओं को पार करते हुए उसने दुनिया की सबसे ताकतवर इमारत व्हाइट हाउस का दरवाजा अपने लिए फिर से खोल लिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अपने मंत्रियों का चुनाव भी अभी से करना शुरू कर दिया है। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने आगामी प्रशासन के लिए अहम नियुक्ति की है, जिसमें से कई नाम उनकी नई विदेश और कूटनीति को साफ बता रहे है।
चीन, ईरान और क्यूबा के खिलाफ रूबियो का आक्रमक इतिहास
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्लोरिडा के सीनेटर मार्को रुबियो को विदेश मंत्री नियुक्त किया है। रुबियो को भारत का दोस्त माना जाता है। वह भारत-अमेरिका संबंधों के समर्थक रहे हैं। ट्रंप ने रुबियो को विदेश मंत्री चुन कर अपने दूसरे प्रशासन के तहत भारत और अमेरिका के संबंधों को और मजबूत करने की गारंटी दी है। रुबियो को ऐसे समय पर चुना गया है जब रिपब्लिकन पार्टी ने अमेरिकी संसंद में बहुमत हासिल कर लिया है जिससे ट्रंप इसके दोनों सदनों पर नियंत्रण रख सकेंगे। पिछले वर्षों में अमेरिका के भू-राजनीतिक दुश्मनों (चीन, ईरान और क्यूबा) के संबंध में एक मजबूत विदेश नीति की वकालत की है। फ्लोरिडा के सीनेटर रिक स्कॉट ने कहा कि मैं अपने दोस्त और हमारे अगले विदेश मंत्री मार्को रुबियो के लिए बहुत खुश हूं। वह दुनिया भर में अमेरिकियों का नेतृत्व करेंगे, खासतौर पर लैटिन अमेरिका का क्योंकि वह अमेरिका का सम्मान और साहस के साथ प्रतिनिधित्व करते हैं।
माइक वॉल्ट्ज के जरिए ट्रंप ने दुनिया को दिया बड़ा संकेत
सांसद माइक वाल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का जिम्मा संभालने के लिए कहा है। वाल्ट्ज भारत के पुराने समर्थक रहे हैं और वर्षों से भारत एवं भारतीय अमेरिकियों के लिए कांग्रेसनल कॉकस के सह-अध्यक्ष भी रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भूमिका के लिए सीनेट की मंजूरी की जरूरत नहीं होती। ट्रंप की टीम की ओर से इन नामों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वाल्ट्ज ‘आर्मी नेशनल गार्ड’ के सेवानिवृत्त अधिकारी और पूर्व सैनिक रह चुके हैं। वह ट्रंप के कट्टर समर्थक रहे हैं। उन्हें चीन के प्रति कठोर रुख रखने वाला माना जाता है और उन्होंने ही कोविड-19 की उत्पत्ति तथा चीन में मुस्लिम उइगर आबादी के उत्पीड़न के कारण बीजिंग में 2022 में हुए शीतकालीन ओलंपिक का अमेरिका द्वारा बहिष्कार करने का आह्वान किया था। अमेरिका की समाचार वेबसाइट ‘द हिल’ में जारी खबर के मुताबिक, वाल्ट्ज 2019 से सांसद हैं। उन्होंने यूरोप से यूक्रेन को और अधिक समर्थन देने तथा अमेरिका से उसके समर्थन में और अधिक सख्ती बरतने का आह्वान किया है।
ट्रंप की शून्य सहनशीलता वाली इमीग्रेशन पॉलिसी का चेहरा
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनके पूर्व कार्यकारी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन निदेशक टॉम होमैन उनके आगामी प्रशासन में बॉर्डर जार (सीमा अधिकारी) के रूप में काम करेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया साइट ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पूर्व आईसीई निदेशक और सीमा नियंत्रण के दिग्गज टॉम होमैन ट्रंप प्रशासन में शामिल होंगे और हमारे देश की सीमाओं की निगरानी करेंगे। इस बात की प्रबल उम्मीद थी कि होमैन ट्रंप के दूसरे प्रशासन में सीमा-संबंधी भूमिका में पुनः शामिल होंगे। ट्रंप ने कहा कि दक्षिणी और उत्तरी सीमाओं और समुद्री तथा विमानन सुरक्षा की निगरानी के अलावा होमैन ‘‘अवैध विदेशियों को उनके मूल देश वापस भेजने के प्रभारी होंगे। जो उनके एजेंडे का एक मुख्य हिस्सा है। ट्रंप ने कहा कि उन्हें इसमें कोई संदेह नहीं है कि होमैन एक शानदार और बहुप्रतीक्षित काम करेंगे।
अमेरिकी इतिहास में पहली महिला चीफ ऑफ स्टाफ
संयुक्त राज्य अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने अभियान प्रबंधक, सूसी विल्स को अगले वर्ष राष्ट्रपति पद संभालने पर अपने व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में नामित किया। ट्रंप ने कहा कि विल्स ने मुझे अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी राजनीतिक जीत में से एक हासिल करने में मदद की और कठिन, स्मार्ट, अभिनव है, और सार्वभौमिक रूप से प्रशंसा और सम्मान करती है... मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह हमारे देश को गौरवान्वित करेगी। 67 वर्षीय सूसी विल्सने इससे पहले राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन जूनियर के प्रचार में काम किया था। वह धीरे-धीरे सियासत की सीढ़ियां चढ़ती गई और कई नेताओ और गवर्नरो की कैपेन मे अहम भूमिका निभाई। वह 2016 और 2020 मे भी ट्रंप की प्रचार टीम का हिस्सा थी। ट्रंप के साथ काम करना आसान नही है। पिछले टर्म मे ट्रंप 4 चीफ ऑफ स्टाफ बदल चुके है, जिनमे जॉन केली भी थे, जिन्होने बाद मे ट्रंप के खिलाफ बयान दिए थे।
40 साल की इस लेडी सिंघम के सहारे ईरान को चित करेंगे ट्रंप
ट्रंप ने इजरायल की कट्टर सहयोगी और विदेश नीति की पक्षधर रिपब्लिकन कांग्रेस सदस्य एलिस स्टेफनिक को संयुक्त राष्ट्र में अगले राजदूत के रूप में नामित किया है। संयुक्त राष्ट्र के राजदूत के रूप में नियुक्त एलिस स्टेफनिक ने पहले महाभियोग के बाद से लगातार ट्रम्प का समर्थन किया है। यूएन में स्टेफनिक की नियुक्ति ईरान के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। वो इजरायल की कट्टर समर्थक हैं और गाजा में जारी इजरायल की कार्रवाई का समर्थन कर चुकी हैं। उन्होंने अमेरिका कॉलेज परिसरों में हुए फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन के दौरान यहूदी विरोधी घटनाओं के बारे में बार बार ध्यान आकर्षित किया और यहूदियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया।
पॉलिसी मामलों के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ
नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने नए प्रशासन में इमिग्रेशन नीति के डिफ्टी चीफ के रूप में अपने लंबे समय के सलाहकार स्टीफन मिलर को नामित किया है। मिलर ट्रम्प के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सहयोगियों में से एक हैं, जो व्हाइट हाउस के लिए उनके पहले अभियान से ही उनके साथ हैं। वह ट्रम्प के पहले कार्यकाल में एक वरिष्ठ सलाहकार थे और उनके कई नीतिगत निर्णयों में एक केंद्रीय व्यक्ति रहे हैं, विशेष रूप से इमिग्रेशन पर, जिसमें 2018 में एक निवारक कार्यक्रम के रूप में हजारों आप्रवासी परिवारों को अलग करने का ट्रम्प का कदम भी शामिल है। मिलर ने ट्रम्प के कई भाषणों को तैयार करने में भी मदद की है।