By अभिनय आकाश | Jan 09, 2025
आगामी 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे। लेकिन उनके आने से पहले ही इस बात की चर्चा ज्यादा है कि सबसे पहले वो कौन सा काम करेंगे। कई देशों की ट्रंप पर नजर है। अपने शपथ ग्रहण से पहले ट्रंप ने अपना शुरुआती प्लान शेयर भी किया है। फ्लोरिडा में अपने रिसॉर्ट में पत्रकारों से बात करते हुए अपना एजेंडा बताया है। यहां उन्होंने कनाडा से लेकर मेक्सिको और ग्रीनलैंड से लेकर पनामा तक सभी मुद्दों पर अपनी योजना के बारे में खुलकर बात की है। डोनाल्ड ट्रंप का पूरा फोकस अमेरिका में निवेश को बढ़ावा देना और लोगों के लिए रोजगार के अवसर को पैदा करने पर है।
ट्रंप अमेरिका को भौगोलिक रूप से 'महान' बनाने की योजना बना रहे हैं। उनकी महत्वाकांक्षाएं ग्रीनलैंड को खरीदने, पनामा नहर पर कंट्रोल वापस लेने, कनाडा को अमेरिका मेक्सिको की खाड़ी का नाम बदलने के लिए सेना उतारने तक पहुंच गई हैं। उनके मुताबिक, अगर यह सब हो गया, तो अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा देश बन जाएगा। पहले भी ट्रंप ऐसी मांगें उठाते रहे हैं, लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति पद संभालने जा रहे ट्रंप की ये बातें मजाक से कुछ ज़्यादा समझी जा रही हैं। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियां अमेरिका फर्स्ट पर केंद्रित होंगी।
अगर भारत के नजरिए से देखा जाए तो ये उसके लिए भी इतना आसान नहीं होगा। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में अमेरिकन इंडस्ट्रीज को संरक्षण देने की नीति अपनाई थी। इसके बाद उन्होंने चीन और भारत समेत कई देशों के आयात पर भारी टैरिफ लगा दिया था। ट्रंप का ऐसा मानना है कि भारत कारोबारी नियमों का बहुत उल्लंघन करता है। टैरिफ को लेकर ट्रंप कई बार बयान दे चुके हैं। अमेरिकी सामानों पर भारत का ज्यादा टैरिफ लगाना ट्रंप को खटकता है। ट्रंप का ऐसा मानना है कि अमेरिका से आयात होने वाली चीजों पर 20 फीसदी ही टैरिफ लगे। इसके अलावा ट्रंप की वीजा नीति भी भारत को तंग करती है। बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिका में काम करते हैं। वहां के टेक्नोलॉजी सेक्टर में भारतीयों की भारी संख्या देखने को मिलती है। वो यहां भारत से एच1बी वीजा पर आते हैं। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में एच1बी वीजा पर सख्ती दिखाई थी। ऐसे में उनके इस कार्यकाल में भी भारतीयों को इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।