By अंकित सिंह | Jun 15, 2022
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष सक्रिय हो गया है। विपक्ष की ओर से एक साझा उम्मीदवार उतारने को लेकर लगातार बैठक हो रही है। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सक्रिय हैं। इसी कड़ी में वह दिल्ली पहुंच चुकी हैं। जानकारी के मुताबिक ममता बनर्जी आज दिल्ली में विपक्ष के नेताओं के साथ एक बड़ी बैठक करने वाली हैं। इसके लिए ममता बनर्जी ने विपक्ष के नेताओं को एक चिट्ठी भी लिखी थी। यह चिट्ठी 22 नेताओं और मुख्यमंत्रियों को लिखी गई थी। हालांकि खबर यह आ रही है कि ममता बनर्जी की इस बैठक में तेलंगाना राष्ट्र समिति शामिल नहीं होगी। आपको बता दें कि तेलंगाना राष्ट्र समिति के मुखिया और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के साथ ममता के रिश्ते अच्चे है। लेकिन टीआरएस का इस बैठक में शामिल नहीं होना विपक्षी एकता के लिए बड़ा झटका है।
सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि ममता बनर्जी की बैठक में आम आदमी पार्टी भी शामिल नहीं होगी। आम आदमी पार्टी फिलहाल आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित होने के बाद इस मुद्दे पर विचार करेगी। हालांकि, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल के बीच रिश्ते अच्छे माने जाते हैं। बावजूद इसके इस बार आप इस बैठक में शामिल नहीं हो रही है। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में कांग्रेस के शामिल होने की संभावना है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला इस बैठक में पार्टी की ओर से शामिल हो सकते हैं। हालांकि ममता बनर्जी के ‘‘एकतरफा’’ फैसले से नाराज मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने कहा है कि वे अपने सांसदों को यहां 15 जून को होने वाली विपक्ष की बैठक में भेजेंगे।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा आहूत यह बैठक दिल्ली स्थित कंस्टीट्यूशनल क्लब में होगी। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद है कि यह बैठक सफल रहेगी। एक वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस नेता ने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर बताया कि सभी 22 नेता बैठक में मौजूद रहेंगे। वह विपक्षी दलों के कुछ नेताओं से मुलाकात कर सकती हैं, लेकिन अभी कुछ तय नहीं है। ममता ने जिन 22 नेताओं को पत्र लिखा है उनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी शामिल हैं। दूसरी ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने को इच्छुक नहीं हैं। हालांकि कुछ विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति भवन की दौड़ में उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया है।