बढ़ रहा है हिन्दी में लेखन का चलन, मॉमस्प्रेसो ने हिन्दी ब्लॉग्स के लिए हर महीने दर्ज किए 50 मिलियन से ज्यादा पेज व्यू
By प्रेस विज्ञप्ति | Sep 14, 2019
नई दिल्ली। भारत के महिलाओं के लिए सबसे बड़े यूजर-जनरेटेड कंटेंट प्लेटफार्म मॉमस्प्रेसो ने हिन्दी दिवस, 14 सितंबर, 2019 के लिए अपने 12,000 से ज्यादा ब्लॉगर्स के डेटा का विश्लेषण कर नई रिपोर्ट प्रस्तुत की है। विश्लेषण कहता है कि हिन्दी ब्लॉग्स ने हर महीने 50 मिलियन से ज्यादा पेज व्यू के साथ रिकॉर्ड उछाल मारी है। इसमें से 95 प्रतिशत की खपत पाठकों ने मोबाइल पर की है। प्लेटफार्म ने बताया कि हिन्दी पेज व्यू अंग्रेजी से ज्यादा हो गए हैं और इस समय कुल पेज व्यू का 50 प्रतिशत हो गया है।
इसे भी पढ़ें: हिंदी मंथ में हिंदी डे (व्यंग्य)
मॉमस्प्रेसो की ओर से जारी सूचना में बताया गया कि प्लेटफार्म पर हिन्दी में लेखन की सूची मुख्य रूप से उन शहरों की माताओं ने तैयार की है, जिनकी तुलनात्मक रूप से भागीदारी कम रही है। इनमें पटना, आगरा, लखनऊ, शिमला, भुवनेश्वर और इंदौर शामिल है। 75 प्रतिशत हिन्दी ब्लॉग्स को मॉमस्प्रेसो मोबाइल ऐप के जरिये लिखा गया है, जबकि अंग्रेजी में ऐसा नहीं है। 60 प्रतिशत ब्लॉगर्स अभी भी ब्लॉग लिखने के लिए डेस्कटॉप प्रिफर करते हैं। मोबाइल ऐप पर बने हिन्दी ब्लॉग्स में से 93 प्रतिशत एंड्रायड फोन पर बने हैं। प्लेटफार्म पर इस समय 4000 हिन्दी ब्लॉगर्स हैं, जिन्होंने अब तक 42,000 ब्लॉग्स बनाए हैं। हर महीने करीब 3100 ब्लॉग्स जोड़े जा रहे हैं।
- 75% हिन्दी ब्लॉग्स को मांओं ने मोबाइल ऐप के जरिये लिखा
- 95% लेखन का इस्तेमाल पाठकों ने अपने मोबाइल फोन पर किया
- ब्लॉग लिखने और पढ़ने के मामले में लखनऊ, जयपुर, आगरा, चंडीगढ़, इंदौर और पटना जैसे टायर-2 शहर टॉप 12 में
- अंग्रेजी के मुकाबले हिन्दी लेखन से एंगेजमेंट 4.2 गुना ज्यादा
- सभी ब्रांड्स के हिंदी लेखन का इस्तेमाल 2017 के 6% से बढ़कर 2018 में 27% हुआ
इस्तेमाल के मामले में मॉमस्प्रेसो ने बताया कि हिन्दी की अधिकतम रीडरशिप लखनऊ, जयपुर, इंदौर, चंडीगढ़, आगरा और पटना से है। यह भी बताया गया कि 95 प्रतिशत यूजर्स ने लेखन का इस्तेमाल मोबाइल पर किया। जिस कंटेंट ने अधिकतम रीडरशिप (65 प्रतिशत) हासिल की, वह ‘मां की जिंदगी’ या ‘मॉम्स लाइफ’ सेक्शन था। रिलेशनशिप्स से लेकर पैरेंटिंग और सामाजिक उत्तरदायित्व तक का लेखन इस पर उपलब्ध है। अन्य लोकप्रिय सेक्शन में प्रेग्नेंसी, बेबी, हेल्थ और रैसिपी भी शामिल हैं। मॉमस्प्रेसो ने यह भी बताया कि हिन्दी पोस्ट्स को अंग्रेजी की तुलना में 4.2 गुना ज्यादा एंगेजमेंट मिला। इसमें लाइक्स, शेयर और कमेंट्स शामिल हैं। हिन्दी में हाइपर एंगेजमेंट की एक बड़ी वजह हिन्दी कंटेंट की क्वालिटी है। पहली बार महिलाओं को कई मुद्दों पर अपने विचार अभिव्यक्त करने के लिए सुरक्षित स्थान मिला है। कई महिलाएं जो लैंगिंक भेदभाव, सामाजिक मुद्दों और अन्य वजहों से खुलकर बोल नहीं पाती थी, वह भी इस पर अपने आपको अभिव्यक्त कर रही है।