By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 19, 2019
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि व्यापार युद्ध तथा संरक्षणवाद से अनिश्चितताएं पैदा हुई हैं और अंतत: इसका असर पूंजी के प्रवाह और वस्तुओं तथा सेवाओं के व्यापार पर पड़ेगा। वित्त मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि सीतारमण ने विश्वबैंक और मुद्राकोष की वाशिंगटन में सालाना बैठक में कहा कि इस समय दुनियाभर में चल रही आर्थिक नरमी के पास से निपटने के लिये सम्मिलित कदम उठाने और वैश्विक वृद्धि के लिये बहुपक्षवाद की भावना को जगाने की जरूरत है।
वित्त मंत्री ने शुक्रवार को वाशिंगटन में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्वबैंक के समापन सत्र में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि इस समय वैश्विक व्यापार के एकीकरण की जरूरत, भू-राजनीतिक अनिश्चितता तथा कर्ज के उच्च स्तर की चुनौतियों से निपटने के लिए सशक्त वैश्विक समन्वय की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस चीज का इंतजार नहीं करना चाहिये कि आर्थिक नरमी एक गंभीर बन जाए।’’ उन्होंने आईएमएफ और विश्वबैंक की विकास समिति की दोपहर के भोज के समय हुई चर्चा में भी हिस्सा लिया।
सीतारमण ने इसके अलावा जी20 देशों के वित्त मंत्रियों व केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक में भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय कराधान तथा ‘स्टेबलक्वाइन्स’ यानी मजबूत सिक्का की अवधारणा पर चर्चा हुई। स्टेबलक्वाइन्स का आशय आभाषी मुद्रओं को किसी भरोसेमंद सम्पत्ति के मूल्य से जोड़ना है।
उन्होंने डिजिटलीकरण के कारण उभर रहीं कर चुनौतियों को लेकर समान राय बनाने से संबंधित मुद्दे के सत्र में कहा कि गठजोड़ तथा लाभ के आवंटन की चुनौतियों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिये। उन्होंने कहा, ‘‘एक ऐसे समाधान की जरूरत है जो लागू करने में सरल हो, संचालन में सरल हो तथा अनुपालन में सरल हो।’’ उन्होंने रूस के उप प्रधानमंत्री एवं वित्तमंत्री समेत कई अन्य लोगों से द्विपक्षीय मुलाकातें भी कीं।