By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 20, 2019
मुंबई। जेट एयरवेज का परिचालन अस्थायी तौर पर बंद होने से पर्यटन उद्योग चिंतित है, क्योंकि इसके कारण वायु किराये में औसतन 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही बड़े पैमाने पर होटलों की बुकिंग रद्द की जा रही है। पर्यटन उद्योग के विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी है। क्लियर ट्रिप डॉट कॉम के आंकड़े दर्शाते हैं कि जेट के विमान खड़े करने के कुछ पहले से और बाद में मुंबई-हैदराबाद, मुंबई-दिल्ली और दिल्ली-मुंबई जैसे कुछ प्रमुख क्षेत्रों में किराए में क्रमश: 62 प्रतिशत, 52 प्रतिशत और 49 प्रतिशत की वृद्धि देखी है, जबकि बेंगलुरु-दिल्ली क्षेत्र में 10 प्रतिशत की सबसे कम वृद्धि देखी गई है।
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वित्तीय संकट से जूझ रहे जेट एयरवेज ने बुधवार की रात से अपना कारोबार रोकने का फैसला किया, जिससे 22,000 नौकरियां दांव पर लगीं तथा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाखों यात्रियों को असुविधा हुई, क्योंकि जेट देश की सबसे बड़ी एयरलाइन थी। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई) के अध्यक्ष सुनील कुमार ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘जेट एयरवेज के परिचालन बंद करने का प्रभाव केवल एयरलाइंस क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है बल्कि चरम मांग वाले समय (पीक सीजन) में टिकट की कीमतों में भारी उछाल से पर्यटन पर भी असर पड़ रहा है। यह प्रभाव जल्द कम होने की संभावना नहीं है और यह आगे पूरे साल जारी रह सकता है।
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उन्होंने कहा की इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रा एवं संबंधित क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। हवाई किराए में औसतन 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की वजह से यात्री अपने होटल बुकिंग को रद्द कर रहे हैं। अग्रणी टूर ऑपरेटर कॉक्स एंड किंग्स के करण आनंद ने कहा कि जेट के रुकने से इसमें अपनी सीट बुक करने वाले कई लोगों की यात्रा योजना गड़बड़ा गई है। उन्होंने कहा की यह यात्रा करने का व्यस्ततम मौसम है और अगले 10-12 दिनों के लिए हवाई किराए कम से कम 25 प्रतिशत बढ़ गये हैं क्योंकि सीटों की क्षमता काफी कम हो गई है और आखिरी क्षण में यात्रा करने वालों को भारी दिक्कत हो रही है।
हालांकि, ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर ईजमाईट्रिप डॉट कॉम के सह-संस्थापक निशांत पिट्टी ने इसे अधिक तवज्जो न देते हुए कहा कि वायु किराये में सामान्य रूप से घट ब़ढ़ होती ही रहती है क्योंकि विमानन उद्योग के बारे में पहले से कोई अनुमान नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा की यह बात सच है कि यात्री अभी परेशान हैं लेकिन आगे इसका ज्यादा प्रभाव नहीं होगा क्योंकि स्पाइसजेट और इंडिगो जैसी अन्य एयरलाइंस अपने बेड़े में और अधिक विमानों को शामिल कर रही हैं जिससे मांग-आपूर्ति के अंतर को संतुलित करने में मदद मिलेगी।