तोशाखाना मामला : इमरान की दोषसिद्धि पर रोक लगी, पर अभी जेल में ही रहना होगा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 29, 2023

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को आम चुनाव से पहले बड़ी राहत देते हुए तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में उनकी दोषसिद्धि और तीन साल की जेल की सजा पर मंगलवार को रोक लगा दी। अदालत ने इमरान को जेल से रिहा करने का भी आदेश दिया। लेकिन सरकारी गोपनीयता कानून के तहत उनके खिलाफ एक मुकदमे की सुनवाई के कारण उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा। मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की खंडपीठ ने यह बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया। खंडपीठ ने मामले में निचली अदालत के निर्णय को चुनौती देने वाली इमरान की याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायमूर्ति फारूक ने कहा, “अभी हम सिर्फ यही कह रहे हैं कि (इमरान की) अर्जी मंजूर कर ली गई है।”

इमरान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) ने एक संक्षिप्त व्हॉट्सएप संदेश में बताया, “इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जिला अदालत के फैसले पर रोक लगा दी है।” अदालत ने इमरान (70) को 1,00,000 रुपये के मुचलके पर रिहा करने का भी आदेश दिया। खान की सजा स्थगित किए जाने के बाद भी उन्हें रिहा नहीं किया जा रहा है क्योंकि सरकारी गोपनीयता कानून में उनके खिलाफ मुकदमे की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने अटक जेल अधिकारियों को उन्हें न्यायिक हिरासत में रखने और 30 अगस्त को अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया है। पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी इसी मामले में पहले से ही हिरासत में हैं। यह मामला पिछले सप्ताह शुरू किया गया था और इसमें आरोप लगाया गया है कि खान और अन्य ने देश के गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन किया।

क्रिकेटर से नेता बने इमरान और उनके परिवार को 2018 से 2022 के बीच प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान मिले राजकीय उपहारों को गैरकानूनी रूप से बेचने के आरोप में दोषी करार देते हुए तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। सत्र अदालत ने पीटीआई प्रमुख पर अगले पांच साल तक राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने पर भी रोक लगा दी थी, जिससे वे आगामी चुनाव नहीं लड़ सकते। इमरान ने निचली अदालत के फैसले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली को समय से पूर्व दस अगस्त को भंग कर दिया था। नेशनल असेंबली को भंग किए जाने के 90 दिन के भीतर पाकिस्तान में आम चुनाव कराए जाने हैं। हालांकि, आम चुनावों में देरी होने की संभावना है, क्योंकि सरकार ने घोषणा की है कि चुनाव नयी जनगणना के पूरा होने और नये निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाएं तय होने के बाद ही हो सकते हैं।

दोनों प्रक्रिया में लगभग चार महीने का समय लग सकता है, जिससे आम चुनाव के अगले साल तक टलने की आशंका है। इस बीच, उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति मजहर अली अकबर नकवी और न्यायमूर्ति जमाल खान मंदोखाइल की तीन सदस्यीय पीठ भी तोशाखाना मामले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई फिर से शुरू करने के लिए तैयार है। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने बुधवार को तोशाखाना मामले के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कहा था कि सत्र अदालत के फैसले में ‘खामियां’ थीं। पीठ ने कहा था कि फैसला जल्दबाजी में और आरोपी को बचाव का अधिकार दिए बिना दिया गया था। प्रधान न्यायाधीश ने कहा था, “प्रथम दृष्टया, सत्र अदालत के फैसले में खामियां नजर आती हैं।”

उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा था कि वह अपना फैसला सुनाने से पहले इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई पूरी होने का इंतजार करेगा। उसने बृहस्पतिवार को सुनवाई शुरू की थी, लेकिन जब बताया गया कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय सुनवाई कर रहा है तो उसने बिना कोई तारीख तय किए इसे स्थगित कर दिया। सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों ने 2022 में निर्वाचन आयोग में तोशाखाना मामला दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इमरान ने सरकारी उपहारों की बिक्री से प्राप्त आय छिपाई थी। निर्वाचन आयोग ने पहले इमरान को किसी भी पद के अयोग्य घोषित कर दिया था और फिर सत्र अदालत में उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की थी। सत्र अदालत ने इमरान को दोषी करार देते हुए तीन साल के कारावास की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था।

प्रमुख खबरें

Delhi Election: फिटनेस इन्फ्लुएंसर रोहित दलाल के साथ 80 बॉडी बिल्डर AAP में हुए शामिल, अरविंद केजरीवाल रहे मौजूद

Arjun Kapoor से अलग होने के बाद Malaika Arora नये साल में चुनेंगी नयी राह, I am single वाले कमेंट पर एक्ट्रेस ने किया रिएक्ट

Maha Kumbh 2025: रेलवे ने उठाया बड़ा कदम, स्थापित करेगा बाल सहायता डेस्क

Vanakkam Poorvottar: Manipur में हिंसा के बीच राज्यपाल के लिए Ajay Kumar Bhalla को क्यों चुना गया?