By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 13, 2020
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस की जांच में कमी को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा चिंता जताने के एक दिन बाद शनिवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसकी जिम्मेदारी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पर डालते हुए कहा कि जांच में वृद्धि करने के लिए उसके दिशा-निर्देशों में बदलाव होना चाहिए। वहीं, जैन ने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल में वीडियो बनाने वाले संविदा कर्मचारी को निलंबित किया गया है। वीडियो में दिखाया गया था कि किस तरह कथित तौर पर शवों और मरीजों को लेकर लापरवाही बरती जा रही है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि जिस संविदा कर्मचारी ने वीडियो बनाया, वह प्रेरित था और खास उद्देश्य से बनाया गया था। उस व्यक्ति को निलंबित किया गया है। एक दिन पहले ही दिल्ली में कोविड-19 के लिये निर्दिष्ट लोक नायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों के बगल में शव रखे होने के ‘लोमहर्षक’ दृश्यों को गंभीरता से लेते हुये उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सख्त लहजे में कहा था कि यह सरकारी अस्पतालों की दयनीय हालत बयां कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और गुजरात के मुख्य सचिवों को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने और अस्पतालों में मरीजों की देखभाल का प्रबंध दुरूस्त करने का निर्देश दिया।
सुनवाई कर रही पीठ ने टिप्पणी की थी कि दिल्ली के अलावा इन राज्यों के अस्पतालों में भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार और शवों के मामले में स्थिति बहुत ही शोचनीय है। इसके अलावा, उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में कोविड-19 की जांच में कमी को लेकर भी आश्चर्य व्यक्त किया था और सरकार को नमूनों की जांच में वृद्धि सुनिश्चित करने को कहा था। इस बारे में पूछे जाने पर जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों का पालन कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर आप कोरोना वायरस के परीक्षण की संख्या में वृद्धि करना चाहते हैं तो आईसीएमआर को उसके दिशा-निर्देशों में बदलाव करने को कहें। हम आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं कर सकते। दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2,137 नए मामले सामने आने के साथ ही शहर में संक्रमितों की कुल संख्या 36,824 तक पहुंच गई थी।
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