दिल्ली की डरावनी जगह, जहां शाम होने के बाद परिंदा भी पर नहीं मारता

By सुषमा तिवारी | Apr 22, 2019

दिल्ली के इतिहास में देखें तो मुगलों का दिल्ली पर शासन लंबे वक्त तक था। मुगलों ने यहां कई किले- मीनार बनवाएं, जो आज भी दिल्ली की धरोहर हैं। लेकिन दिल्ली में कुछ ऐसे किले और महल है जहां पर लोग जाने से डरते हैं। शाम होने के बाद उन जगहों पर किसी को जानें नहीं दिया जाता। किले, महल, मीनारों के अलावा और भी ऐसे जगह हैं जिसे बारे में डरावनी कहानियां सुनाई जाती हैं। आइये जानते हैं दिल्ली के भूतिया और डरावनी जगहों के बारे में- 

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दिल्ली कंटोनमेंट (Delhi Cantonment)

दिल्ली कंटोनमेंट या आसान शब्दों में दिल्ली कैंट कह सकते हैं। इस इलाके में आर्मी छावनियां हैं। यहां चारों तरह जंगल है ये रास्ता काफी सुन-सान हैं। कहते हैं रात के समय यहां से कोई गाड़ी गुजरती हैं तो एक औरत सफेद लिबास में आपसे लिफ्ट मांगती है, अगर आप गाड़ी नहीं रोकते तो वो गाड़ी का पीछा थोड़ा दूर तक भाग कर करती हैं। इस डरावनी महिला की गति गाड़ी जितनी होती है। आपको बता दें कि सफेद लिबास वाली महिला को देखने की पुष्टि कई लोग कर चुके हैं। लेकिन आज तक किसी जान-माल के हानि की खबर नहीं आई।

 

फिरोज शाह कोटला किला (Feroz Shah Kotla Fort) 

मुगल बादशाह फिरोज शाह तुगलक ने इस किले को बनवाया था। लेकिन ये किला आज खंडर हो चुका हैं। इस किले को लोग भूतिया किला कहते हैं क्योंकि आसपास के लोगों ने बताया कि यहां गुरुवार को शाम में मोमबत्तियां और अगरबत्तियां जलती दिखाई देती हैं। दूसरे दिन किले में कटोरे में दूध और कच्चा अनाज भी रखा दिखाई देता हैं। ये घटनाएं अकसर होती हैं। इस गुत्थी को अभी तक समझा नहीं जा सकता हैं क्योंकि ये किला शाम को बंद हो जाता हैं तो रात में ऐसा कौन करता हैं। इसी के चलते इस किले को भी भूतिया किला कहा जानें लगा।

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खूनी नदी, रोहिणी (Khooni Nadi, Rohini)

रोहिणी का खूनी नदी इलाका काफी सुनसान है। यहां बहुत कम लोग आते है, नदी के आस पास कोई नहीं जाता। केवल पुलिस यहां चक्कर मारती रहती है वो भी हथियारों के साथ। यहां अकसर नदीं के किनारे लाशें मिलती है। मौत का कारण कुछ भी हो लेकिन यहां लाशें मिलना आम बात हो गई है। इसी कारण लोग यहां जाने से डरते हैं। 

 

भूली भतियारी का महल, झंडेवालान (Bhuli Bhatiyari ka Mahal)

घने जंगलों से घिरा भूली भतियारी महल दिल्ली की भूतिया जगहों में से एक है। ये खंडर महल एक जमाने में तुगलक वंश का शिकारगाह हुआ करता था। इस महल का नाम इस महल की देखरेख करने वाली महिला के नाम पर पड़ा। कहते हैं इस महल में सूरज ढलते ही नकारात्मक शक्तियां भटकने लगती हैं। रात के समय यहां परिंदा भी पर नहीं मारता। यहां शाम को अजीबोगरीब आवाजें यहां माहौल को और डरावना बना देते हैं।

 

संजय वन (Sanjay Van)

संजय वन दिल्ली का घना जंगल हैं। यह वन 10 किमी क्षेत्रफल में फैला हुआ हैं। इस जगह के बारे में दावा किया जाता हैं कि यहां अकसर खलते हुए बच्चों की आत्माएं दिखाई देती हैं। अंदर से यह वन घना और डरावना भी है।

 

- सुषमा तिवारी

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