किसान संगठनों के साथ चार जनवरी की बैठक में सकारात्मक नतीजे की उम्मीद, भविष्यवक्ता नहीं हूं: नरेंद्र सिंह तोमर

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 01, 2021

नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को किसान संघों के साथ चार जनवरी को होने वाली अगली बैठक में ‘सकारात्मक परिणाम’ निकलने की उम्मीद है लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि सातवें दौर की वार्ता अंतिम होगी या नहीं। तोमर ने कहा कि 30 दिसंबर, 2020 को हुई पिछली बैठक सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में हुई और अगली बैठक में किसानों तथा देश के कृषि क्षेत्र के हित में सकारात्मक परिणाम निकलने की संभावना है।

किसानों के तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े रहने और विकल्प सुझाने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बारे में पूछे जाने पर कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘हम इसे देखेंगे।’’ क्या चार जनवरी को होने वाली बैठक आखिरी बैठक होने की उम्मीद है, इस प्रश्न पर तोमर ने कहा, ‘‘एकदम तो अभी कुछ नहीं कह सकता। भविष्यवक्ता तो मैं हूं नहीं। लेकिन मुझे आशा है कि जो भी फैसला होगा, देश के और किसान के हित में होगा।’’ 

इसे भी पढ़ें: तीनों ‘काले कानूनों’ को निरस्त करे और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाए सरकार: सैलजा 

सरकार और करीब 40 प्रदर्शनकारी किसान संघों के बीच अब तक हुई छह दौर की बातचीत पिछले एक महीने से दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के प्रदर्शन को समाप्त करने में विफल रही है। बुधवार को हुई दोनों पक्षों की पिछली बैठक में पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने तथा बिजली सब्सिडी जारी रखने की दो मांगों पर सहमति बनती दिखी लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों की दो मुख्य मांगों पर अभी बात नहीं बन पाई है जिनमें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी खरीद प्रणाली की कानूनन गारंटी प्रदान करना शामिल हैं।

सितंबर में लागू हुए तीनों कृषि कानूनों को सरकार ने बड़े कृषि सुधारों के रूप में पेश किया है और कहा है कि इनका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना है, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने चिंता जताते हुए कहा है कि इन कानूनों से एमएसपी और मंडी प्रणाली कमजोर होगी और वे बड़े कॉर्पोरेट की दया पर निर्भर हो जाएंगे। सरकार ने इन आशंकाओं को निराधार बताते हुए कानूनों को निरस्त करने की संभावना को खारिज किया है। बड़ी संख्या में अनेक क्षेत्रों के लोग और विपक्षी दल किसानों के समर्थन में आये हैं तो कुछ किसान समूहों ने पिछले कुछ सप्ताह में कृषि मंत्री तोमर से मुलाकात कर तीनों कानूनों को अपना समर्थन जताया है। हालांकि प्रदर्शनकारी किसानों ने अपनी मुख्य मांगें नहीं माने जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। 

इसे भी पढ़ें: सरकार के साथ बैठक से पहले बोले किसान नेता राकेश टिकैत, 4 जनवरी को MSP कानून बनाने पर होगी चर्चा 

ऑल इंडिया किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमेटी ने एक बयान में कहा, ‘‘किसानों की एक मांग है कि कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए।’’ सिंघू सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने एक अलग बयान में कहा कि उन्होंने जो विषय उठाये हैं, उनमें से केवल पांच प्रतिशत पर अब तक सरकार के साथ बैठकों में चर्चा हुई है।  उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर चार जनवरी की बैठक में गतिरोध समाप्त नहीं होता तो वे हरियाणा में सभी मॉल और पेट्रोल पंपों को बंद करने की तारीख घोषित करेंगे। स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा-राजस्थान सीमा पर शाहजहांपुर में प्रदर्शन कर रहे किसान भी राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच करेंगे। एक अन्य किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि अगर अगले दौर की वार्ता में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।

प्रमुख खबरें

PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती की मांग, अनुच्छेद 370 पर अपना स्टैंड किल्यर करे NC और कांग्रेस

जिन्ना की मुस्लिम लीग जैसा सपा का व्यवहार... अलीगढ़ में अखिलेश यादव पर बरसे CM योगी

Vivek Ramaswamy ने अमेरिका में बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरियों में कटौती का संकेत दिया

Ekvira Devi Temple: पांडवों ने एक रात में किया था एकविरा देवी मंदिर का निर्माण, जानिए पौराणिक कथा