By अनुराग गुप्ता | Jul 29, 2021
नयी दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में भारत की ओर से घुड़सवारी के खेल में अपनी प्रतिस्पर्धा दिखाने वाले फवाद मिर्जा एकमात्र खिलाड़ी हैं। फवाद मिर्जा शुक्रवार की दोपहर टोक्यो में अपना जलवा दिखाएंगे। हालांकि ओलंपिक खेलों में प्रतिस्पर्धा करने वाले फवाद मिर्जा तीसरे भारतीय घुड़सवार बन गए हैं। इससे पहले 1996 में अटलांटा ओलंपिक में इंद्रजीत लांबा और साल 2000 में सिडनी ओलंपिक में इम्तियाज अनीस ने हिस्सा लिया था।
कौन हैं फवाद मिर्जा ?
फवाद मिर्जा का जन्म कर्नाटक के बेंगलुरू में हुआ है। उन्हें घुड़सवारी विरासत में मिली है। दरअसल, उनके पिता डॉ हसनिन मिर्जा घोड़ों को इलाज किया करते थे। इसी दौरान फवाद मिर्जा घोड़ों के करीब हो गए। इतना ही नहीं उनके पिता भी अपने बेटों के भीतर घोड़ों के प्रति स्नेह पैदा करने की कोशिश किया करते थे।आपको बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने से पहले फवाद मिर्जा ने अपना घोड़ा बदलने का निर्णय लिया था। अब वह सेगनुएर मेडिकोट के साथ उतरने वाले हैं। जज समिति ने उनके घोड़े सेगनुएर मेडिकोट के स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र दे दिया है। दरअसल, खेलों से पहले घोड़ों का परीक्षण होता है जिसमें जांचा जाता है कि घोड़ा स्वस्थ है या नहीं ? हालांकि, 30 जुलाई से दो अगस्त के बीच होने वाली आगामी प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा लेने के लिए सेगनुएर मेडिकोट पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि फवाद मिर्जा ने इसी घोड़े के साथ साल 2018 के एशियाई खेलों में दो रजत पदक जीते थे। उन्होंने पहले बताया था कि वह टोक्यो ओलंपिक में दजारा 4 के साथ उतरेंगे लेकिन उन्होंने अपना फैसला बदलते हुए सेगनुएर मेडिकोट को अपना साथी चुना।