International Highlights: अमेरिकी अखबारों ने बाइडेन के फैसले को बताया सरकार की सबसे बड़ी हार

By टीम प्रभासाक्षी | Aug 18, 2021

अफगानिस्तान के मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को इस समय दुनियाभर से काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इसी के चलते अमेरिकी अखबारों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के इस फैसले को अमेरिकी सरकार की सबसे बड़ी हार बताया है। इन्हीं सबके बीच तालिबान के सबसे बड़े विरोधी माने जाने वाले अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति घोषित कर दिया है।

 

बाइडेन के फैसले को बताया गया सरकार की सबसे बड़ी हार! अमेरिकी अखबारों के Front पेज पर छाए रहे जो बाइडेन

 

अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी को लेकर फैली अराजकता पर द वॉल स्ट्रीट जर्नल के फ्रंट पेज ने बाइडेन के इस फैसले को "सही निर्णय" बताते हुए उल्लेख किया। वहीं यूके में, द डेली टेलीग्राफ के फ्रंट पेज में "बाइडेन डिफेंड्स अमेरिका की उड़ान" की हेडलाइन देकर उनका उल्लेख किया है। वहीं स्पेन के एल मुंडो ने सोमवार को बाइडेन को लेकर कहा "बाइडेन: 'अफगान लड़ना नहीं चाहते'। न्यू यॉर्क पोस्ट में मिरांडा डिवाइन के कॉलम में पढ़ा गया, "अफगानिस्तान में जो बाइडेन की हार अनंत काल के लिए प्रतिध्वनित होगी", जबकि द अटलांटिक में लिखा गया कि, "बाइडेन का विश्वासघात अफगानों की बदनामी में रहेगा।"


अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस, दुनिया से किए कई बड़े वादें

 

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, "हम एक ऐसी सरकार स्थापित करना चाहते हैं जिसमें सभी पक्ष शामिल हों। तालिबान प्रवक्ता ने कहा है कि महिलाओं को स्कूल और हॉस्पिटल में काम करने की छूट होगी।" मुजाहिदी ने कहा कि इस्लाम के हिसाब से महिलाओं को अधिकार मिलेंगे और उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।


अमरुल्ला सालेह ने खुद को घोषित किया अफगानिस्तान का राष्ट्रपति, तालिबान के खिलाफ छेड़ सकते हैं जंग

 

अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति घोषित कर दिया है। अफगानिस्तान में अमरुल्ला सालेह को तालिबान का सबसे बड़ा विरोधी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि तालिबान भी अमरुल्ला सालेह से भय खाता है। अब सालेह ने खुद को राष्ट्रपति घोषित कर लिया है। उन्होंने ये फैसला तब लिया है जब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अब्दुल गनी देश छोड़कर भाग चुके हैं। लेकिन सालेह का कहना है कि वो आखिरी दम तक तालिबान से लड़ेंगे और अपने देश को कभी भी तालिबान के हवाले नहीं होने देंगे।


ब्रिटेन ने 12 साल और उससे अधिक आयु के बच्चों को मॉडर्ना का टीका लगाने को मंजूरी दी

 

ब्रिटेन की स्वास्थ्य एजेंसी ने 12 साल और उससे अधिक आयु के बच्चों को मॉडर्ना कोरोना वायरस रोधी टीका लगाने को मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन में 12 से 17 साल के बच्चों को लगाया जाने वाला यह दूसरा कोविड-19 रोधी टीका होगा। इससे पहले इस आयु वर्ग के बच्चों को फाइजर का टीका लगाने की अनुमति दी जा चुकी है।


पाकिस्तान में तोड़ी गई महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

 

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लाहौर किले में लगी महाराजा रणजीत सिंह की नौ फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा को एक धार्मिक कट्टरपंथी ने मंगलवार को क्षतिग्रस्त कर दिया। 2019 में स्थापित इस प्रतिमा को तीसरी बार नुकसान पहुंचाया गया है। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड हुआ है जिसमें आरोपी नारे लगाते हुए मूर्ति की बांह तोड़ते और सिंह की प्रतिमा को घोड़े से नीचे गिराते दिख रहा है। वीडियो में यह भी दिखा कि इसी दौरान एक अन्य व्यक्ति प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति को आकर रोकता है।

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