कोलकाता।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री
ममता बनर्जी ने शुक्रवार को छात्र समुदाय से
भाजपा के हमलों पर पलटवार करने का आग्रह करते हुए राज्य में 2021 में होने वाले चुनाव में उसकी राजनीतिक महामारी को हराकर पूरे देश को स्वतंत्रता का स्वाद चखाने का संकल्प लिया। उन्होंने सिंतबर में जेईई और नीट की परीक्षाएं कराने के फैसले के लिये भी केन्द्र पर निशाना साधा और कहा कि केन्द्र सरकार के अडियल रवैये से कोविड-19 के मामलों में इजाफा होगा क्योंकि परीक्षाएं देने के लिये परीक्षा केन्द्र जाने से परीक्षार्थी भी संक्रमित हो सकते हैं। भाजपा ने तुरंत पलटवार करते हुए बनर्जी से छात्रों का भविष्य दांव पर लगाकर राजनीति नहीं करने और ओछी राजनीति का वायरस फैलाने से बचने को कहा।
बनर्जी ने कहा, भाजपा हर किसी को धमका रही है, लेकिन हम सब पलटवार करने में सक्षम हैं। मैं युवाओं और छात्र नेताओं से कहती हूं कि वे भाजपा की राजनीतिक महामारी के खिलाफ जंग लड़ें। वह विपक्षी दलों को काले कानूनों का इस्तेमाल कर निशाना बना रही है। बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस छत्र परिषद (टीएमसीपी) की एक डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अक्तूबर में दुर्गा पूजा से पहले कॉलेज और विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित करने के फायदे और नुकसान पर विचार-विमर्श कर रही है। बनर्जी ने कहा, ‘‘मैंने अपने शिक्षा मंत्री से कहा है कि अक्तूबर में दुर्गा पूजा से पहले विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने की संभावना पर गौर करें। ऑनलाइन और ऑफलाइन परीक्षा दोनों के विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी भी परीक्षा के खिलाफ नहीं हैं। हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि महामारी फैली हुई है और यह छात्रों की जान को जोखिम में डाल सकती है।’’
उच्चतम न्यायालय ने आज दिन में फैसला सुनाया कि राज्य और विश्वविद्यालय 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित किए बिना छात्रों को प्रोन्नत नहीं कर सकते। न्यायालय ने कहा कि अगर किसी राज्य को लगता है कि वह 30 सितंबर तक परीक्षा आयोजित नहीं कर सकता है, तो उसे नई तारीखों के लिए यूजीसी से संपर्क करना होगा। सितंबर में जेईई-नीट परीक्षा आयोजित करने के निर्णय को लेकर केंद्र की आलोचना करते हुए, बनर्जी ने कहा, ‘‘हमने महामारी के कारण केंद्र सरकार से इसे स्थगित करने का आग्रह किया, लेकिन केंद्र सरकार अपने फैसले पर अड़ी हुई है। केंद्र छात्रों के मन की बात सुनने के बजाय उपदेश देने में व्यस्त है।’’ पश्चिम बंगाल सहित छह विपक्षी पार्टी राज्यों के मंत्रियों ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर कर कोविड-19 महामारी के बावजूद केन्द्र को नीट और जेईई की प्रवेश परीक्षायें आयोजित करने की अनुमति देने के आदेश पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया है।