By अनन्या मिश्रा | Nov 03, 2023
शरीर के स्वस्थ रहने के लिए हार्मोंन्स का संतुलन और पोषक तत्वों का बना रहना बेहद जरूरी माना गया है। इसमें होने वाली किसी भी प्रकार की समस्या हमारे शरीर के लिए कई तरह की दिक्कतों को बढ़ा देती हैं। पिछले कुछ समय में विशेषकर हार्मोनल असंतुलन की समस्या को बढ़ते हुए देखा गया है। बता दें कि हार्मोन्स एक प्रकार के रसायन हैं, जो हमारे शरीर की विशेष कोशिकाओं द्वारा स्त्रावित होते रहते हैं। हार्मोन्स का निर्माण आमतौर पर अंतःस्रावी ग्रंथियों के भीतर होता है।
यह शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्तप्रवाह के माध्यम से संदेश भेजने का काम करते हैं। वहीं हार्मोंन्स असंतुलन शारीरिक कार्यप्रणाली को बाधित कर सकती है। हार्मोनल असंतुलन की स्थिति में हमारे शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। इस दौरान कंधों के बीच चर्बी का बढ़ना-कूबड़, अस्पष्टीकृत थकान, वजन बढ़ना,मांसपेशियों में कमज़ोरी और दर्द जैसी समस्याएं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक हार्मोंन्स के असंतुलन से बचने के लिए आपको अपनी डेली रूटीन में नियमित रूप से योग-व्यायाम की आदत डालनी चाहिए।
भुजंगासन योग के लाभ
हार्मोनल असंतुलन की समस्या के जोखिम को कम करने के लिए भुजंगासन योग काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। रोजाना इस योग का अभ्यास करने से थायराइड फंक्शन और ओवरी की स्थिति में सुधार होता है। इस आसन को करने से हार्मोन्स की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा इस य़ोगासन को करने से कमर दर्द, पीठ दर्द में राहत देने के साथ पेट के अंगों को स्वस्थ रखने में भी सहायक माना जाता है।
शलभासन योग के फायदे
हार्मोंनल इंबैलेंस की दिक्कतों को कम करने में शलभासन योग भी फायदेमंद होता है। इस योग को रोजाना अपनी डेली रूटीन में शामिल करने से हार्मोनल असंतुलन के कारण महिलाओं में होने वाली पीसीओएस जैसी दिक्कत को भी कम करने में सहायक होता है। शलभासन योग को करने से ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी होता है।
कैमल पोज से मिलता है लाभ
हार्मोनल इंबैलेंस की स्थिति में हेल्थ एक्सपर्ट्स कैमल पोज के नियमित अभ्यास की सलाह देते हैं। बता दें कि कैमेल पोज को उष्ट्रासन भी कहते हैं। हार्मोनल इम्बैलेंस की वजह से मासिक धर्म चक्र में अनियमितता आ जाती है। ऐसे में इस योग को करने से मासिक धर्म चक्र में होने वाली अनियमितता कम होती है और हमारे शरीर में रक्त संचार सही रहता है।