ममता बनर्जी ने आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र जारी किया। इस अवसर पर ममता बनर्जी ने कहा कि जब टीएमसी सत्ता में आई थी तो हमारा राजस्व लगभग 25,000 करोड़ रुपये था, अब यह 75,000 करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक घोषणापत्र नहीं है, यह विकासोन्मुखी घोषणा पत्र है। लोगों के लिए, और लोगों द्वारा यह घोषणा पत्र है।
सभी परिवारों को आय, छात्रों को क्रेडिट कार्ड का वादा
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को ‘विकासोन्मुखी’ घोषणापत्र जारी किया। मुख्यमंत्री ने इसमें सभी परिवारों के लिए आय योजना, छात्रों को क्रेडिट कार्ड और ओबीसी में कई समुदायों को शामिल करने के लिए एक कार्यबल का गठन करने का वादा किया है। राज्य में तृणमूल कांग्रेस शासन के दौरान गरीबी 40 प्रतिशत तक घट जाने का दावा करते हुए घोषणापत्र में किसानों को वार्षिक वित्तीय सहायता 6,000 रुपये से बढ़ा कर 10,000 रुपये करने का भी वादा किया गया है। ममता ने कहा, ‘‘पहली बार, बंगाल में हर परिवार को न्यूनतम आय प्राप्त होगी। इसके तहत, 1.6 करोड़ सामान्य श्रेणी के परिवारों को 500 रुपये प्रति महीना, जबकि एससी/एसटी श्रेणी में आने वाले परिवारों को 1,000 रुपये प्रति महीना मिलेगा। यह रकम सीधे परिवार की महिला मुखिया के बैंक खाते में भेजी जाएगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 लाख की क्रेडिट सीमा के साथ छात्रों के लिए नयी कार्ड योजना लाई जाएगी और इस पर सिर्फ चार प्रतिशत ब्याज देना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अगले पांच वर्षों में हम 10 लाख एमएसएमई(सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) इकाइयां तथा 2000 नयी बड़ी औद्योगिक इकाइयां लगाएंगे। ’’ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘महिष्या, तिली, तामुल और साहा जैसी उन सभी जातियों को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) का दर्जा दिलाने के लिए एक विशेष कार्यबल गठित करेंगे, जिन्हें ओबीसी के रूप में मान्यता नहीं प्राप्त है। हम भारत सरकार से महतो (जाति) को (एसटी) अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की सिफारिश करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल में तराई और दुआर क्षेत्र के विकास के लिए एक विशेष विकास बोर्ड का गठन किया जाएगा।