नयी दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस और एआईयूडीएफ सांसदों ने नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में संसद भवन परिसर में मंगलवार को धरना दिया और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। लोकसभा में सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की रिपोर्ट पेश की गई थी। इसमें तृणमूल समेत कुछ दलों असहमति का नोट दिया था। मंगलवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले तृणमूल सांसदों एवं एआईयूडीएफ के बदरूद्दीन अजमल ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया और नारेबाजी की।
तृणमूल सांसदों के हाथों में पोस्टर थे जिन पर लिखा था ‘‘मुझे मेरे देश से मत निकालो, मैं भारत का नागिरक हूं।’’ तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी नागरिकता संशोधन विधेयक को पेश किये जाने के खिलाफ है। इसके कारण 30 लाख लोग प्रभावित होंगे। यह लोगों के बुनियादी अधिकारों के खिलाफ है। अन्नाद्रमुक सांसदों ने भी कावेरी नदी पर बांध बनाये जाने के विरोध में संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया । वे अपने हाथों में तख्तियां लिये हुए थे और बांध बनाने के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे।
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वहीं, तेदेपा सांसद आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग करते हुए संसद भवन परिसर में मुख्य गेट के सामने नारेबाजी कर रहे थे। अन्नाद्रमुक और तेदेपा सांसद 11 दिसंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से ही अपनी मांग के समर्थन में सदन में नारेबाजी कर रहे हैं। हंगामा करने और कामकाज में बाधा डालने के कारण स्पीकर अब तक 49 सांसदों को संसद के कामकाज की शेष अवधि के लिये निलंबित कर चुकी हैं।