By अभिनय आकाश | May 21, 2022
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में ममत बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए राज्य में फिर से सरकार बनाई। लेकिन क्या आपको पता है कि बंगाल विधानसभा चुनाव में एक बांग्लादेशी प्रत्याशी भी मैदान में थी। जिसका खुलासा तब हुआ जब इस प्रत्याशी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में अपनी हार को चुनौती दी। हाईकोर्ट ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। 13 मई को प्रतिवादी भाजपा के स्वप्न मजूमदार के वकील ने हाईकोर्ट से कहा कि यह याचिका खारिज कर दी जाना चाहिए, क्योंकि आलो रानी सरकार एक बांग्लादेशी नागरिक है और भारत में दोहरी नागरिकता की इजाजत नहीं है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि आलो रानी की नागरिकता साबित की जाए।
पूरे मामले को लेकर बीजेपी हमलावर है। बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सिलसिलेवार ट्विट के जरिये टीएमसी प्रत्याशी को लेकर कई सारे दावे किए हैं। 2021 डब्ल्यूबी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के स्वपन मजूमदार ने टीएमसी की उम्मीदावर आलो रानी सरकार को हराकर बोनगांव दक्षिण विधानसभा सीट जीती। चुनाव परिणामों से असंतुष्ट होकर टीएमसी उम्मीदवार ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। बीजेपी नेता ने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को चुनाव परिणामों को चुनौती देने वाली सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है क्योंकि उनका नाम बांग्लादेश की मतदाता सूची में दर्ज है।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि उनका नाम बांग्लादेश की मतदाता सूची में मतदाता के रूप में दर्ज है। हां, आपने उसे सही पढ़ा है। वह एक बांग्लादेशी नागरिक है। इसके साथ ही अधिकारी ने कहा कि टीएमसी कानून की धारा 29ए की उपधारा 5 के उल्लंघन की दोषी है। उसने एक विदेशी नागरिक को निर्वाचित कराने की कोशिश की है। इसके साथ ही बीजेपी नेता ने सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या ऐसे राजनीतिक दल का रजिस्ट्रेशन रद्द नहीं किया जाना चाहिए।