By अभिनय आकाश | Jan 30, 2023
पाकिस्तान के उत्तरी शहर पेशावर में एक मस्जिद में हुए विस्फोट में कम से कम 28 लोगों की मौत हो गई और 150 अन्य घायल हो गए। स्थानीय मीडिया ने बताया कि विस्फोट एक संदिग्ध आत्मघाती हमले के कारण हुआ। पेशावर के पुलिस लाइंस इलाके के पास दोपहर करीब 1 बजकर 40 मिनट पर दोपहर की नमाज के दौरान यह घातक विस्फोट हुआ। कई लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है और हमले से मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। मस्जिद के अंदर से शूट किए गए एक वीडियो में जमीन पर मलबा दिखा। विस्फोट के प्रभाव से मस्जिद का एक हिस्सा ढह गया। इस बड़े हमले ने पाकिस्तान को एक बार फिर से दहलाकर रख दिया है। हालांकि पाकिस्तान में ऐसे हमलों का पुराना इतिहास रहा है। मस्जिदों और मदरसों को आतंकी संगठनों की ओर से सालों से निशाना बनाया जाता रहा है।
भुट्टो की वापसी का जश्न और कराची में बड़ा धमाका (अक्टूबर 2007)
साल 2007 में पाकिस्तान के करांची में बड़ा आतंकी हमला हुआ था। कुछ ही सेकंड के अंतर पर दो बम विस्फोट में विपक्षी नेता बेनजीर भुट्टो को ले जा रहे एक ट्रक से कुछ ही फीट की दूरी पर विस्फोट हुआ, जिसमें वह बाल-बाल बची थीं, लेकिन कई लोगों की मौत हो गई थी। रिपोर्टों के अनुसार, 134 लोग मारे गए थे और लगभग 400 घायल हुए थे। हमला तब हुआ था जब बेनजीर भुट्टो लंबे समय बाद पाकिस्तान लौटी थीं।
ऑर्म्स फैक्ट्री के बाहर धमाका (अगस्त 2008)
इस्लामाबाद के पास पाकिस्तान के मुख्य हथियार कारखाने के बाहर दो आत्मघाती हमलों में 64 लोग मारे गए। हमले को फिदायीन तरीके से अंजाम दिया गया था और आतंकियों ने खुद को ही विस्फोटक के साथ उड़ा लिया था।
पेशावर में कार बम विस्फोट (अक्टूबर, 2009)
पश्चिमोत्तर शहर पेशावर के एक बाजार में कार बम विस्फोट में 125 लोगों की मौत हो गई। वहीं उसी साल 7-9 दिसंबर के बीच पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर लाहौर के एक बाजार में चार हमलों में कम से कम 66 लोग मारे गए थे।
पूरे साल होते रहे बम धमाके (2010)
1 जनवरी को उत्तर-पश्चिमी जिले बन्नू में एक वॉलीबॉल खेल के दौरान एक आत्मघाती कार बम विस्फोट में 101 लोग मारे गए। जबकि 28 मई को बंदूकधारियों और आत्मघाती हमलावरों ने लाहौर में अहमदी धार्मिक अल्पसंख्यक से संबंधित मस्जिदों पर हमला किया, जिसमें 82 लोग मारे गए। कुछ ही महीने के बाद 9 जुलाई को मोहमंद के उत्तर-पश्चिमी जनजातीय जिले के एक व्यस्त बाजार में एक आत्मघाती हमलावर ने 105 लोगों की हत्या कर दी। 3 सितंबर को क्वेटा में एक शिया मुस्लिम रैली में आत्मघाती हमले में 59 की मौत। 5 नवंबर को उत्तर पश्चिम के दर्रा आदम इलाके में शुक्रवार की नमाज के दौरान एक आत्मघाती हमलावर ने 68 लोगों की जान ले ली।
2011 से 2013 तक मारे गए सैकड़ों लोग
3 अप्रैल 2011 को केंद्रीय शहर डेरा गाजी खान में दो आत्मघाती हमलावरों ने एक सूफी दरगाह पर हमला किया, जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई। 13 मई को चारसड्डा में एक पुलिस प्रशिक्षण केंद्र के बाहर दो आत्मघाती हमलावरों ने कम से कम 98 लोगों की हत्या कर दी। वहीं साल 2013 में 10 जनवरी को शिया हज़ारों की बहुलता वाले क्वेटा जिले में एक स्नूकर क्लब पर दोहरे आत्मघाती हमले में 92 लोग मारे गए। 16 फरवरी को क्वेटा के पास शियाओं के पड़ोस हजारा टाउन के एक बाजार में बम विस्फोट में 89 लोग मारे गए। मार्च 3 को कराची में एक शिया पड़ोस में एक कार बम विस्फोट हुआ, जिसमें 45 लोग मारे गए। 22 सितंबर को रविवार की आराधना के बाद पेशावर में दो आत्मघाती हमलावरों ने एक चर्च पर हमला किया जिसमें 82 लोग मारे गए।
तालिबानी अटैक (2014)
2 नवंबर को मुख्य पाकिस्तान-भारत सीमा पार पर एक आत्मघाती हमलावर द्वारा पचपन लोग मारे गए। वहीं 16 दिसंबर को लिबान विद्रोहियों ने पेशावर में एक सेना द्वारा संचालित स्कूल पर हमला किया, जिसमें 154 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे।
पेशावर में नमाज के दौरान मस्जिद में धमाका (मार्च 2022)
पाकिस्तान के पेशावर में आत्मघाती हमला हुआ है। इसमें 30 लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं 50 लोग जख्मी बताए जा रहे हैं। धमाका पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार के पास हुआ है। अधिकारियों ने कहा कि इस उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तानी शहर में शुक्रवार की सभा के दौरान भीड़-भाड़ वाली शिया मस्जिद में बम फटने से कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक अन्य घायल हो गए।