By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 23, 2022
नयी दिल्ली, 23। अगस्त किसान नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर समिति नहीं बनाना चाहती और इस मामले में देश को अंधेरे में रखा जा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर अपने उन उद्योगपति दोस्तों की मदद करने के लिए एमएसपी पर कानून नहीं बनाने का आरोप लगाया, जो कम दरों पर किसानों से फसल खरीदते हैं और उच्च कीमतों पर प्रसंस्कृत उत्पाद बेचते हैं।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत ने दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 में हुए किसानों के विरोध प्रदर्शन को याद करते हुए कहा कि किसान समूह और केंद्र सरकार के बीच केवल डिजिटल समझौता और दस्तावेजों का आदान-प्रदान हुआ था। उन्होंने दिल्ली में गांधी पीस फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में दावा किया कि कागजात में कहा गया है कि भविष्य की नीति के लिए किसानों से सलाह ली जाएगी, लेकिन कोई परामर्श नहीं हुआ और देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध के बावजूद विधेयक लाए गए।
टिकैत ने कहा, दूसरा मुद्दा फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का है। सरकार ने यह कहकर देश को लंबे समय तक अंधेरे में रखा कि वह एक समिति बना रही है, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा (समिति के सदस्यों के) नाम नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा, जब समिति बनाने का समय था, तब उन्होंने कहा कि हमें नाम दें और हम समिति की घोषणा करेंगे। लेकिन वह एमएसपी के लिए समिति नहीं थी! इसका क्या मतलब है? इसका मतलब है कि सरकार एमएसपी के लिए समिति नहीं बनाना चाहती।