जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर वनमंडल के वन परिक्षेत्र बरगी में शुक्रवार को अपने साथियों से बिछुड़े जिस हाथी का शव पाया गया था। उसकी मौत की गुत्थी सुलझा ली गई है। तीन शिकारियों ने हाथी दांत के लालच में बिजली का करंट लगाकर हाथी का शिकार किया था। इसकी पुष्टि होने पर वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों शिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्हें आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं, मृत हाथी के साथी को खोजने के प्रयास जारी हैं।
सिवनी जिले से वनमंडल मंडला में घूमते हुए दो जंगली हाथी 24 नवम्बर की रात जबलपुर वनमंडल के अंतर्गत वन परिक्षेत्र बरेला में आए थे। ये दोनों हाथी अपने साथियों से बिछुड़ गए थे। डीएफओ मंडला से इसकी सूचना मिलने पर डीएफओ जबलपुर अंजना सुचिता तिर्की ने अपने अमले को सतर्क कर दिया था और वनकर्मियों पर हाथियों की निगरानी के लिए निर्देशित किया था। वनकर्मियों की नजर से दोनों हाथी एक दिन गायब रहे। तीसरे दिन यह वन्यजीव वन परिक्षेत्र बरगी में नर्मदातट पर खिरहनी व जमतरा के जंगल में विचरण करते देखे गए। इसके बाद भी वन अमला लापरवाह बना रहा। गुरुवार की सुबह बरगी तहसील के मानेगांव से मोहास के बीच स्थित जंगल में एक हाथी का शव पाया गया।
वही वन अधिकारियों ने हाथी के मृत शरीर का निरीक्षण करने पर पाया कि उसकी सूंड करंट लगने से करीब डेढ़ फीट तक झुलस गई थी। इसके बाद ग्राम डुंगरिया मोहास के कोटवार से पूछताछ करके उन्होंने ग्रामीणों के बयान लिए। ग्रामीणों ने गांव के एक व्यक्ति को दो बाहरी लोगों के साथ मिलकर हाथी का बिजली करंट लगाकर हाथी का शिकार करने का संदेह जताया। जिसके बाद तीनों शिकारियों को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। नर हाथी की मौत की खबर पाकर वन अधिकारियों का अमला शुक्रवार सुबह जल्द ही मौके पर पहुंच गया था। इसलिए शिकारियों को मृत हाथी के दांत काटकर निकालने का मौका नहीं मिला। वन विभाग ने हाथी का शिकार करने वाले तीनों आरोपितों के खिलाफ वन्यजीव अधिनियम के तहत कार्रवाई की है।