By अंकित सिंह | Dec 20, 2023
एक ओर संसद की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर विपक्ष लगातार आक्रामक है तो वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से दोनों ही सदनों में कामकाज की कोशिश की गई है। शीतकालीन सत्र समाप्त होने में कुछ दिनों का वक्त बचा है। ऐसे में सरकार की ओर से कोशिश है कि तमाम बड़े बिलों को पास करा लिया जाए। आज भी दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों का शोर शराबा जारी रहा। लोकसभा से आज भी दो सांसदों को निलंबित किया गया। इन सब के बीच तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल को लोकसभा में पास कर लिया गया। लोकसभा ने दूरसंचार विधेयक, 2023 को पारित किया। आज दोनों सदनों में क्या कुछ हुआ है, यह हम आपको बताते हैं।
लोकसभा ने औपिनवेशिक काल से चले आ रहे तीन आपराधिक कानूनों के स्थान पर सरकार द्वारा लगाए गए विधेयकों को बुधवार को मंजूरी दे दी। सदन ने लंबी चर्चा और गृहमंत्री अमित शाह के विस्तृत जवाब के बाद भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, 2023 को ध्वनमित से अपनी स्वीकृति दी। ये तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी),1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के स्थान पर लाये गए हैं। विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि ‘व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानवाधिकार और सबके साथ समान व्यवहार’ रूपी तीन सिद्धांत के आधार पर ये प्रस्तावित कानून लाये गए हैं। सीआरपीसी में पहले 484 धाराएं थीं, अब इसमें 531 धाराएं होंगी। 177 धाराओं में बदलाव किए गए हैं और 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं. 39 नई उपधाराएं जोड़ी गई हैं. 44 नए प्रावधान जोड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि तीन आपराधिक कानूनों के स्थानों पर लाए गए विधेयक गुलामी की मानसिकता को मिटाने और औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति दिलाने की नरेन्द्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं।
- सरकार ने बुधवार को लोकसभा को सूचित किया कि केंद्र सरकार के संस्थानों में सभी रिक्त पदों को मिशन मोड में भरा जा रहा है। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि रोजगार मेला रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक कदम है।
- लोकसभा में तख्तियां दिखाने और सदन की अवमानना करने को लेकर बुधवार को दो और विपक्षी सदस्यों सी. थॉमस और ए.एम. आरिफ को संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। सदन की अवमानना के मामले में अब तक कुल 97 लोकसभा सदस्यों को निलंबित किया जा चुका है। इससे पहले गत सप्ताह बृहस्पतिवार को 13 सदस्यों, सोमवार को 33 तथा मंगलवार को 49 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था।
- सरकार ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास में कुछ राज्य सरकारें बिल्कुल रूचि नहीं ले रही हैं, लेकिन केंद्र सरकार डिजाइन आदि को लेकर ऐसे उपाय कर रही है, जिसके कारण राज्य सरकारों की उदासीनता के बावजूद स्टेशनों का पुनर्विकास अवरुद्ध नहीं होगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह बात कही।
- राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि कोई कितनी भी उनकी बेइज्जती कर ले, उसे वह ‘खून के घूंट पी कर’ सहन कर लेते हैं लेकिन वह कभी यह बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई उपराष्ट्रपति पद की गरिमा को ठेस पहुंचाए।
- सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि सहारा समूह के तीन करोड़ निवेशकों ने कंपनी की सहकारी समितियों में फंसे 80,000 करोड़ रुपये वापस लेने की मांग की है और सहारा समूह से अधिक धनराशि पाने के लिए वह फिर से उच्चतम न्यायालय जाएगी। सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी।
- केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि सिलक्यारा-बारकोट सुरंग का निर्माण शुरू होने से पहले सरकार को इससे संबंधित प्रस्तुत की गई भू- वैज्ञानिक रिपोर्ट में चट्टान का वर्गीकरण खराब से लेकर उचित तक किया गया था।
- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सम्मान और संसद परिसर में कुछ सांसदों द्वारा ‘अशोभनीय आचरण’ करते हुए उनका मजाक उड़ाए जाने की घटना पर विपक्षी दलों के रुख के खिलाफ सत्ता पक्ष के सदस्यों ने बुधवार को राज्यसभा में खड़े होकर प्रश्नकाल की कार्यवाही में हिस्सा लिया। इस दौरान, भाजपा के सहयोगी दलों के सदस्यों के अलावा बीजू जनता दल, तेलुगू देशम पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस सहित कुछ मनोनीत सदस्यों ने भी खड़े होकर सदन की कार्यवाही में भाग लिया।
- सरकार ने बुधवार को कहा कि गैर-संस्थागत देखभाल के दायरे में लाए गए बच्चों की संख्या पिछले कुछ वर्षों के दौरान बढ़ी है और2019-20 में ऐसे बच्चों की संख्या 26,084 थी जो 2022-23 में बढ़ कर 62,675 हो गई। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गोद लेने के नियमन अधिसूचित किए जाने के बाद, गोद लेने संबंधी लंबित आदेश की संख्या 997 से घटकर 106 हो गई है।