By अनन्या मिश्रा | May 04, 2023
बुद्ध पूर्णिमा वाले दिन यानी की 5 मई 2023 को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। रात 8 बजकर 45 मिनट से चंद्र ग्रहण की शुरूआत होगी और वहीं रात 1 बजे इसकी समाप्ति होगी। बता दें कि साल के पहले चंद्र ग्रहण को सेंट्रल एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, यूरोप, प्रशांत अटलांटिक, अंटार्कटिका और हिंद महासागर में देखा जा सकेगा। भारत में यह चंद्रग्रहण नहीं दिखेगा। इसलिए इसका सूतक काल नहीं मान्य होगा और न ही इसका प्रभाव होगा।
हालांकि ज्योतिष शास्त्र में चंद्रग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए चंद्र ग्रहण के दौरान होने के बाद कुछ ऐसे कार्य होते हैं जिनको करने से बचना चाहिए। वहीं कुछ ऐसे कार्य होते हैं जिनको करने से नकारात्मक प्रभाव कम होता है। तो आइए जानते हैं कि चंद्रगहण के दौरान किन कार्यों को करने से बचना चाहिए और चंद्र ग्रहण की समाप्ति के बाद कौन से कार्य करने चाहिए।
चंद्रगहण के बाद क्या करें
चंद्र ग्रहण के मोक्षकाल यानी समाप्ति के बाद पानी में गंगा जल डालकर स्नान आदि करना चाहिए। इसके साथ ही सभी देवी-देवताओं को भी स्नान करवाएं। फिर पानी में नमक डालकर पूरे घर में पोछा लगाने से ग्रहण का नकारात्मक असर कम होता है। मान्यता के अनुसार, इन कार्यों को करने से ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा कम होती है।
चंद्रग्रहण की समाप्ति के बाद घर, दुकान, व्यावसायिक प्रतिष्ठान की साफ-सफाई करनी चाहिए। हर स्थान पर गंगाजल का छिड़काव करें। इसके अलावा यदि घर के आसपास कोई मंदिर हो, तो उसकी भी साफ-सफाई करें।
शास्त्रों के अनुसार, चंद्रग्रहण के बाद दान-पुण्य करना शुभ होता है। इसलिए चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद चंद्रमा से संबंधित सफेद चीजों जैसे- दूध, दही, सफेद मिठाई, चावल, सफेद कपड़े आदि का दान करें। इसके अलावा चंद्रग्रहण के दौरान भोजन में तुलसी की पत्तियां डालें।
चंद्रग्रहण में क्या न करें
ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं की पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से धर में दरिद्रता और नकारात्मकता का वास होता है। चंद्र ग्रहण के दौरान घर के मंदिर के दरवाजों को बंद कर देना चाहिए।
ग्रहण के दौरान श्मसान या सुनसान जगह पर अकेले नहीं जाना चाहिए। क्योंकि इस दौरान नकारात्मक शक्तियां काफी ज्यादा हावी रहती हैं। ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है। इसलिए इस दौरान अपने घर पर ही रहना चाहिए।
चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी व्यक्ति को नए काम की शुरूआत करने से बचना चाहिए। इसलिए किसी भी शुभ व मांगलिक कार्य को इस दौरान न करें। क्योंकि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊ्रजा अधिक प्रभावी होती है।
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की छाया से दूर रहना चाहिए व भगवान का स्मरण करना चाहिए। साथ ही व्यक्ति को सोने, नाखून या बाल काटने, सुई-धागा आदि के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इस दौरान कुछ भी खाने-पीने से बचना चाहिए।