By एकता | Apr 03, 2022
'दोष' हमारे शरीर और दिमाग में पाई जाने वाली जैविक ऊर्जाएं होती हैं। यह पांच प्रमुख तत्वों (पंचभूत) से बने होते हैं जो हमारी पांच इंद्रियों और सूक्ष्म क्रियाओं से जुड़ी हुई हैं। दोष हमारी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। वात, पित्त और कफ इन तीनों दोषों का हमारे शरीर में अलग-अलग अनुपात मौजूद होता है जो खाने की आदत और मौसम के आधार पर बदलता रहता है। इन दोषों के बिगड़ने की वजह से हमारे स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान हो सकते हैं।
गर्मी के मौसम में अग्नि और वायु तत्व अपने उच्च स्तर पर होते हैं जो पित्त और वात 'दोष' को बढ़ा देते हैं। इसलिए गर्मी के मौसम को पित्त 'दोष' का मौसम भी कहा जाता है। इस दौरान जब गर्मी बढ़ने लगती है तो हमारे शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है इसलिए एक्सपर्ट्स इस मौसम में पित्त 'दोष' को शांत करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह देते हैं। पित्त 'दोष' को शांत करने के लिए ठंडे, मीठे, तरल पदार्थ, नम और तैलीय भोजन खाने की सलाह दी जाती है। इस दौरान मसालेदार, गर्म, खट्टे या नमकीन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।
गर्मियों के दौरान पित्त 'दोष' को संतुलित करने के लिए मीठे और कड़वे स्वाद वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। दूध, जड़ वाली सब्जियां, ताजा दही, अनाज, डार्क चॉकलेट, और मसाले जैसे जीरा, हल्दी, और अन्य को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। कड़वे खाद्य पदार्थ शरीर को ताजगी देते हैं, खून पांचन के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा गर्मियों के मौसम में हमें ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से भी बचना चाहिए जो पित्त 'दोष' को बढ़ा सकते हैं। ये खाद्य पदार्थ तीखे, खट्टे या नमकीन होते हैं। गर्मियों में मिर्च, प्याज और मसलों का सेवन करने से या तो बचना चाहिए या इनका सिमित मात्रा में सेवन करना चाहिए।