By अनन्या मिश्रा | Jan 10, 2025
बता दें कि सीने में जमा बलगम, गले का इंफेक्शन और सर्दी-खांसी कई बार निमोनिया का रूप ले लेती है। इसलिए इस पर समय रहते ध्यान देना चाहिए। सीने में जमे बलगम के कारण आपको सांस लेने में मुश्किल आ रही है और खांस-खांसकर आपका बुरा हाल हो गया है, तो दादी-नानी मां का देसी काढ़ा आपकी सहायता कर सकता है।
देसी काढ़ा की सामग्री
मुलेठी- आधा इंच
अदरक- आधा इंच
लौंग- 4-5
काली मिर्च- 5-6
बनाने की विधि
सबसे पहले इन सभी चीजों को पानी में डालकर तब तक उबालें, जब तक इसका रंग न बदलने लगे।
अब इसको छान लें और रूम टेम्परेचर पर आने दें।
फिर इसमें शहद मिक्स कर लें।
इसके बाद आप दिन में दो बार इसका सेवन कर सकती हैं।
नानी मां का यह देसी काढ़ा
बता दें कि मुलेठी और शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। यह सीने में जमे बलगम को पतला करता है और उसको आसानी से बाहर निकालने में सहायता करता है।
मुलेठी में ब्रोन्कोडायलेटर गुण पाए जाते हैं। यह पुरानी से पुरानी खांसी को दूर करने में सहायक है और छाती में जमे बलगम और गले की खराश को दूर करने में भी असरदार है। यह काढ़ा खांसी और जुकाम को कम कर सकता है।
इस काढ़े की तासीर गर्म होती है और सर्दियों में इसका सेवन करना काफी फायदेमंद होता है।
एक्सपर्ट की मानें, तो अगर आपको लगातार खांसी की समस्या है या गला सूख रहा है। तो सोते समय इस काढ़े का सेवन जरूर करना चाहिए।
अदरक में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। बलगम को बाहर निकालने में सहायता कर सकते हैं।
खांसी, फ्लू, सर्दी, बदन दर्द और बलगम की समस्या से निजात पाने में यह काढ़ा काफी फायदेमंद है।
लौंग में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है। यह गले की खराश और दर्द को कम कर सकता है।
लौंग और काली मिर्च छाती में गर्माहट पैदा करने का काम करती है। इससे फेफड़ों में जमा बलगम आसानी से बाहर निकल जाता है।