By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 14, 2023
भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि तीसरे जी20 प्रारूप कार्य समूह (एफडब्ल्यूजी) की यहां हुई बैठक में जलवायु परिवर्तन और बदलाव से उपजी व्यापक आर्थिक जोखिमों जैसे अहम क्षेत्रों पर चर्चा की गई। दो दिवसीय एफडब्ल्यूजी बैठक के संपन्न होने के बाद नागेश्वरन ने संवाददाताओं से बातचीत की और कहा कि इस बात पर भी चर्चा हुई कि स्वास्थ्य संबंधित विषयों में बढ़ते खर्च के बाद सरकारें सीमित राजकोषीय दायरे में खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा के मुद्दों को कैसे संभालें।
उन्होंने कहा कि जहां तक जलवायु परिवर्तन और बदलाव के रास्तों का संबंध है, एफडब्ल्यूजी बैठक में व्यापक सहमति थी कि हरित बदलाव का, मुख्य रूप से दीर्घावधि में निवेश के जरिए प्रगति पर सकारात्मक प्रभाव हो सकता है। उन्होंने कहा, हमें हरित प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, सौर मॉड्यूल और पैनल, पवन टर्बाइन आदि में निवेश करना होगा। उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं और कम आय वाले देशों के बारे में, सदस्यों का मानना था कि एक ओर उनके लिए बदलाव संबंधी नीतियों को आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण है, वहीं उन्हें अपनी आर्थिक वृद्धि पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
नागेश्वरन ने कहा, उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं और कम आय वाले देशों के लिए, बदलाव संबंधी नीतियों को आगे बढ़ाना अहम है, वहीं उन्हें अपनी विकास प्राथमिकताओं पर भी गौर करना होगा। इसलिए उन्हें किफायती वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी तक पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता है। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार दो दिवसीय इस बैठक में जी20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय संगठनों के 75 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। दूसरी जी20 एफडब्ल्यूजी बैठक 24-25 मार्च को चेन्नई में आयोजित की गई थी जहां जी20 सदस्य देशों, आमंत्रितोंदेशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 87 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।