किसी भी कंपनी का एचआर नियोक्ता और प्रबंधक के बीच एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है। किसी भी व्यक्ति का किसी कंपनी में ज्वॉइन होना या ना होना उस कंपनी के एचआर डिपार्टमेंट पर निर्भर करता है। इतना ही नहीं, किसी कर्मचारी के नियुक्त होने के बाद भी उसके प्रदर्शन पर एचआर की नजर रहती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप एचआर टीम के साथ मीटिंग करते हुए कई छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसी ही कुछ जरूरी बातों के बारे में बता रहे हैं-
शब्दों पर दें ध्यान
जब भी आप एचआर से मिलते हैं तो ऐसे में जरूरी है कि आप अपने शब्दों का चयन बेहद ही सावधानीपूर्वक करें। किसी भी शब्द या वाक्य को कहने से पहले जरा रूक कर एक बार अवश्य सोचें। ऐसा कुछ न कहें जो आपके एचआर को आपके बारे में नकारात्मक धारणा बनाने के लिए मजबूर करे। यह निश्चित रूप से लंबे समय में आपकी नौकरी को प्रभावित करेगा।
कंपनी के बारे में अपनी धारणा के बारे में खुला न रहें
जरूरी नहीं है कि कंपनी की हर नीति के साथ आप सहज हो। अगर आपको लगता है कि आपको कंपनी की नीतियों के साथ कुछ समस्याएं हैं और वे आपके काम को प्रभावित कर रहे हैं तो उन्हें एचआर के साथ संवाद करें। लेकिन अगर ऐसे मुद्दों में केवल विचारों का अंतर हैं तो एचआर को कभी भी इस बारे में ना कहें। इससे आपकी नेगेटिव इमेज बन सकती है और इसका असर आपकी ग्रोथ पर भी दिखाई दे सकता है।
लॉन्ग टर्म प्लॉन ना करें डिस्कस
यदि आप अपनी कंपनी को अलविदा कहने की योजना बना रहे हैं तो कभी भी किसी को इसके बारे में तब तक न बताएं, जब तक कि आपका दूसरी कंपनी में सलेक्शन नहीं हो जाता है। अगर एचआर से किसी को आपकी दूसरी नौकरी की तलाश करने की योजना के बारे में पता है, तो वे आपको अपने किसी भी प्रोजेक्ट में भागीदार नहीं बनाएंगे। हो सकता है कि आपका नई जगह पर सलेक्शन ना हो और इस कंपनी में भी आपकी छवि प्रभावित हो।
उन्हें अपनी पार्ट-टाइम जॉब के बारे में न बताएं
बहुत से लोग हैं जो ज्यादा पैसा कमाने के लिए कुछ पार्ट टाइम जॉब करते हैं। यदि आप उनमें से हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपकी कंपनी के एचआर को इसकी जानकारी नहीं है। अगर आपका सीनियर मैनेजर आपको कॉल करता है तो उसे अपनी पार्ट टाइम जॉब के बारे में बताने का मतलब है कि आप अपनी वर्तमान जॉब से असंतुष्ट है। ऐसे में कंपनी एचआर आपको अपने एक राय कायम कर लेगा, जो यकीनन आपके हित में नहीं होगा।
- मिताली जैन