पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए ये टिप्स होंगे कारगर

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 27, 2019

आज के काम्पिटिटिव युग में बच्चों पर पढ़ाई काफी प्रेशर रहता है। लेकिन जरूरी नहीं है कि हर बच्चा चीजों को उतना जल्दी और बेहतर तरीके से समझ पाए। चूंकि हर बच्चा अलग होता है और इसलिए उनका आईक्यू लेवल भी अलग होता है। अगर बच्चा पढ़ाई में कमजोर है तो इसका अर्थ यह नहीं है कि उस पर गुस्सा किया जाए या उसे दंड दिया जाए। बस आपका बच्चों को पढ़ाई में बेहतर बनाने के लिए कुछ आसान उपाय बता रहे हैं−

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समझें परेशानी

अगर आपको बच्चों को पढ़ाई में बेहतर बनाना है तो पहले आपको समस्या की जड़ को समझना होगा। कुछ बच्चों को किताबी बातें कम समझ में आती हैं। ऐसे में आप उन्हें खेल−खेल में या फिर वीडियो आदि के जरिए भी किसी कान्सेप्ट को सिखा सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, हो सकता है कि बच्चा मन ही मन किसी बात को लेकर परेशान हो और इसलिए वह पढ़ाई पर उतना ध्यान ना दे पा रहा हो। इसलिए पहले उसकी परेशानी समझें और उसके बाद ही उसकी समस्या को हल करें।

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अलग से दें ध्यान

जो बच्चा चीजों को धीरे−धीरे समझता है, वह अक्सर पढ़ाई में पीछे रह जाता है। मसलन, अगर बच्चा पिछले पाठ को ठीक से नहीं समझ पाया है तो उसे अगला पाठ समझने में भी परेशानी हो सकती है। इस तरह, वह धीरे−धीरे पीछे होने लगता है। ऐसे में उस पर अलग से ध्यान देने की जरूरत होती है। आप तीस बच्चों की क्लास में उसे सही से नहीं पढ़ा सकते। कोशिश करें कि आप उसे अलग से समय दें और उसके मन की सभी कन्फयूजन को दूर करें।

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करें प्रोत्साहित

यह भी एक समस्या है, जो अक्सर कमजोर बच्चों के साथ देखी जाती है। जिस तरह बच्चा पढ़ाई में धीरे−धीरे कमजोर होता जाता है, उसका आत्मविश्वास भी गिरने लगता है। ऐसे में उनको लगता है कि वह कभी भी पढ़ाई में अच्छा नहीं कर सकते। इसलिए ऐसे बच्चों को बेहतर बनाने का सबसे महत्वपूर्ण कदम है उन्हें प्रोत्साहित करना। जब आप उनके भीतर आत्मविश्वास पैदा करेंगे तो वो पढ़ाई में अतिरिक्त ध्यान लगा पाएंगे। हालांकि अगर बच्चे को किसी स्पेशल नीड्स की जरूरत है तो उसकी जरूरत को ध्यान में रखकर ही कोई कदम उठाएं।

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तय करें समय

कमजोर छात्रों को पढ़ाई में बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त मेहनत की जरूरत होती है। इसलिए उनके लिए पढ़ाई का समय तय करें। जिस विषय में वह कमजोर हैं, उनके लिए अतिरिक्त समय निकालें। बच्चे को रेग्युलर और तय समय पर जरूर पढ़ाएं। कभी भी उनकी पढ़ाई का नियम ना तोड़े और पढ़ाते समय बच्चों के साथ धैर्य बरतें। कभी भी उन पर गुस्सा ना करें।

 

-वरूण क्वात्रा

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