By अंकित सिंह | Mar 15, 2023
बिहार में भाजपा अपने दम पर खड़े होने की कोशिश में जुटी हुई है। इसके लिए वह कई छोटे-छोटे दलों को साधने की कोशिश भी कर रही है। बिहार में अपने जातीय समीकरण को मजबूत करने के लिए भाजपा उपेंद्र कुशवाहा, मुकेश सहनी, चिराग पासवान और आरसीपी सिंह जैसे नेताओं अपने पाले में करना चाहती है। इसका अंदाजा इसी बाद से लगाया जा सकता है कि इन नेताओं की सुरक्षा में हाल के दिनों में इजाफा किया गया है। जदयू से बगावत करने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी बना ली। माना जा रहा है कि वह 20214 की ही तरह 2024 में भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं। हाल में ही उनके सुरक्षा घेरे को बढ़ा दिया गया है।
अब उपेंद्र कुशवाहा को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। इसका मतलब यह हुआ कि कुशवाहा के साथ 3 अलग-अलग शिफ्ट में सीआरपीएफ के 11 कमांडो मौजूद रहेंगे। यह सभी कमांडो आधुनिक हथियारों से लैस होंगे। चिराग पासवान और मुकेश सहनी को यह सुविधा पहले से ही मिली हुई है। बिहार में यह तीनों जिस जाति से आते हैं उनका वोट लगभग 27% है। यही कारण है कि भाजपा इन्हें अपने साथ रखना चाहती है। उपेंद्र कुशवाहा की कोइरी-कुर्मी जाति पर पकड़ है। बिहार में यह लगभग 11 फीसदी है। चिराग पासवान की पार्टी का वोट 7 से 8% हैं। उनके साथ दलित वोट भी है। वहीं, मुकेश साहनी 6-7 फीसदी वोट पर पकड़ रखते हैं।
लोकसभा चुनाव के लिहाज से बिहार बेहद महत्वपूर्ण राज्य माना जाता है। बिहार में जबसे नीतीश कुमार भाजपा से अलग हुए हैं, तब से पार्टी कहीं ना कहीं 2024 के लिहाज से अलग रणनीति जरूर बना रही है। एक ओर जहां भाजपा के जबरदस्त तरीके से नीतीश कुमार पर हमलावर है तो दूसरी ओर अंदर खाने में बातचीत की भी कोशिश जारी है। ऐसा सूत्रों का दावा है। भाजपा के साथ फिर से गठबंधन नहीं करने का वादा करने वाले नीतीश कुमार भी आज कल भगवा पार्टी को लेकर नरम रुख दिखा रहे हैं।