By एकता | Nov 06, 2023
सेक्स एक ऐसी चीज़ है, जो कपल्स के बीच बेहद आम है। भले ही लोग इसे खुलकर स्वीकार नहीं करते लेकिन यह सच है कि सेक्स की इच्छा हर किसी को होती है। हालाँकि, जब बात सेक्स पर आती है तो हर व्यक्ति को लगता है वे इसके बारे में सब कुछ जानते हैं, लेकिन वास्तविकता इससे कोसों दूर है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, लोग जितना भी सेक्स के बारे में जानते हैं, उनमें से ज्यादातर जानकारी गलत है। ये सब सेक्स एजुकेशन की कमी की वजह है। सेक्स को लेकर बहुत सारे मिथक हैं, जो रिश्तों को बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन्हें समय रहते दूर करने में ही भलाई है। चलिए जानते हैं सेक्स से जुड़े किन मिथकों को समय रहते दूर कर लेना चाहिए।
Myth 1: सब आपसे ज्यादा सेक्स करते हैं
सेक्शुअल हेल्थ एक्सपर्ट डेबी हर्बेनिक ने बताया कि यह मिथक जीवन भर बना रहता है। उन्होंने कहा, 'ज्यादातर लोग ये सोचते हैं कि हर कोई सेक्स कर रहा है। इसकी वजह से वह सेक्स में कूद पड़ते हैं, जिसके लिए वे बिल्कुल तैयार नहीं होते हैं।' डॉ. हर्बेनिक ने कहा, 'ये मिथक लोगों को ख़राब महसूस करा सकता है।' हर कोई अपने मानसिक और शारीरिक जरुरत के हिसाब से सेक्स में शामिल होता है। इसलिए इस चीज को सामान्य बनाने की जरुरत है।
Myth 2: सेक्स का मतलब पेनेट्रेशन है
एक्सपर्ट के अनुसार, बहुत से लोग सेक्स को पेनेट्रेशन तक सिमित रखते हैं। इसकी वजह से उनकी सेक्स लाइफ अपना रोमांच खो देती है। एक समय के बाद लोगों को सेक्स के दौरान चरमसुख प्राप्त होना बंद हो जाता है। सेक्स सिर्फ पेनेट्रेशन तक सिमित रखने की चीज नहीं है। फोरप्ले भी सेक्स का हिस्सा है, जो ज्यादा आनंद में योगदान देता है। इसके अलावा कपल को ओरल सेक्स और अन्य चीजों को भी अपने रोमांटिक सेशन में शामिल करना चाहिए।
Myth 3: पुरुष हमेशा महिलाओं की तुलना में अधिक सेक्स चाहते हैं
सेक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार, ज्यादातर महिलाओं और पुरुषों को ये लगता है कि सेक्स करने की ज्यादा इच्छा सिर्फ पुरुषों को होती है। इस मिथक के कारण, पुरुष अक्सर अपनी इच्छा की कमी को लेकर शर्मिंदगी महसूस करते हैं, और हमेशा पहल करने का दबाव महसूस करते हैं। हालाँकि, ऐसा कुछ नहीं है। सेक्स करने की इच्छा का ज्यादा या कम होने का ताल्लुक महिला या पुरुष होने से नहीं होता है।