By रेनू तिवारी | Apr 11, 2022
एक पुरानी कहावत है "सत्य कल्पना से परे है"। यह न केवल अजनबी है बल्कि कई बार यह कल्पना से भी ज्यादा दिलचस्प है। आज हम आपको कुछ उन फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जो सच घटना पर आधारित है और यह कहानी ऐसी है कि लोग एक बार में इन पर विश्वास नहीं कर पाएंगे। यह कहानी इंसान को प्रेरणा देती है कि इंसान यदि कुछ ठान ले तो वह कुछ भी कर सकता है। अगर आप भी लाइफ की नाकामियों को लेकर उदास है तो कुछ को प्रेरणा देने के लिए आपको यह फिल्में जरूर देखनी चाहिए। इन फिल्मों को नेटफ्लिक्स ओटीटी पर देख सकते हैं।
ए ब्यूटीफुल माइंड (2001)
यह फिल्म शानदार अमेरिकी गणितज्ञ और नोबेल पुरस्कार विजेता जॉन नैश की जीवन कहानी पर आधारित है। उन्होंने कैसे सिज़ोफ्रेनिया (Schizophrenia) से ग्रसित होने के बावजूद अपने करियर में कुछ अविश्वसनीय उपलब्धियां हासिल कीं। मुख्य भूमिका रसेल क्रो ने निभाई थी और फिल्म का निर्देशन रॉन हॉवर्ड ने किया था।
संजू (2018)
राजकुमार हिरानी के निर्देशन में बनी फिल्म संजू में रणबीर कपूर भारतीय अभिनेता संजय दत्त की भूमिका में हैं। इस फिल्म में एक्टर संजय दत्त की जिंदगी पर बनी हैं जिसमें इसके अच्छे दौर से लेकर बेहद बुरे दौरा में फंसने और वापस जिंदगी को पटरी पर लाने की कहानी को दिखाया गया है। फिल्म में संजय दत्त रे फिल्म ब्रेक, उनकी नशीली दवाओं की लत, उनकी मां नरगिस (मनीषा कोइराला), उनके पिता सुनील दत्त (परेश रावल) और उनके सबसे अच्छे दोस्त (विक्की कौशल) के साथ उनके संबंधों सहित व्यक्तिगत जिंदगी पर एक नजर डाली गयी है। इसके अलावा अंडरवर्ल्ड के साथ उनके संपर्क, 1993 के बम विस्फोटों के संबंध में गिरफ्तारी, और हिरानी की अपनी फिल्म 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' के साथ उनकी वापसी तक के सफर को दिखाया गया।
अपोलो 13 (1995)
निर्माता रॉन हॉवर्ड द्वारा अभिनीत अपोलो 13 यह फिल्म चंद्रमा को 1970 के अपोलो 13 अंतरिक्ष मिशन के निरस्त होने की घटनाओं को बताती है। जब दुर्भाग्यपूर्ण विमान के ऑक्सीजन टैंक फट जाते हैं, तो चालक दल जिम लोवेल (टॉम हैंक्स), जैक स्विगर्ट (केविन बेकन) और फ्रेड हाइज़ (बिल पैक्सटन) ने चंद्रमा की लैंडिंग को रोक दिया। फंसे हुए अंतरिक्ष यात्रियों और नासा को अब चालक दल को सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने का एक तरीका खोजना होगा।
मांझी: द माउंटेन मैन (2015)
अनुभवी फिल्म निर्माता केतन मेहता (मिर्च मसाला, मंगल पांडे) द्वारा निर्देशित, यह फिल्म बिहार के एक मजदूर दशरथ मांझी उर्फ माउंटेन मैन के जीवन पर आधारित है, जिसे प्रशंसित अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने निभाया था। कहानी इस बात के इर्द-गिर्द घूमती है कि कैसे मांझी बाईस साल तक केवल एक हथौड़े और छेनी का उपयोग करके पहाड़ के बीच से रास्ता बनाता है। उन्होंने अपनी पत्नी (राधिका आप्टे) की मृत्यु के बाद एक चिकित्सा सुविधा तक मुश्किल से पहुंच के बाद यह काम शुरू किया। रास्ता न होने के कारण उसकी पत्नी ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था।
इन टू द वाइल्ड (2007) (Into The Wild)
ऑस्कर विजेता अभिनेता सीन पेन द्वारा अभिनीत, 'इनटू द वाइल्ड' जॉन क्राकाउर की इसी नाम की 1996 की किताब का ऑन-स्क्रीन रूपांतरण है। फिल्म एक अमेरिकी साहसी क्रिस मैककंडलेस की सच्ची कहानी का वर्णन करती है, जिसने उत्तरी अमेरिका की यात्रा की और बाद में एक खानाबदोश अस्तित्व की उम्मीद में अलास्का के जंगल में सहयात्री हो गया। एमिल हिर्श ने फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई थी।