नई दिल्ली। हर साल आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है साल 2020 का वो दौर आ चुका है जब महिलाएँ हर फील्ड में अपनी ख़ुद की पहचान बना रही हैं। पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं। महिलाओं को और भी सशक्त बनाने के लिए मोदी सरकार कई बड़े क़दम भी उठा रही है। भारत में पिछड़े वर्ग की महिलाएँ हों या आज की युवा महिलाएँ हर 1 औरत की ख़ुद की एक पहचान हो इसके लिए मोदी सरकार ने कई योजनाओं को लागू किया है। आज महिला दिवस के अवसर पर हम आपको मोदी सरकार द्वारा लांच की गई उन योजनाओं के बारे में बता रहे हैं जो ख़ासकर महिलाओं के लिए चलायी जाती हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को शुरू की गई सुकन्या समृद्धि योजना यानी कि गर्ल चाइल्ड योजना एक छोटी बचत योजना है। इसे केंद्र सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम के तहत लांच किया गया था। ये स्कीम 10 साल से कम उम्र की लड़कियों/बच्चियों की उच्च शिक्षा और शादी के लिए है, इसके अनुसार आप बचत करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा सुकन्या योजना में निवेश कर सकते हैं।
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कैसे प्राप्त करें इस योजना का लाभ
किसी भी बैंक और पोस्ट ऑफिस में जाकर आप या क़ानूनी अभिभावक अपनी दस साल से कम उम्र की बेटियों के लिए अकांउट खुलवा सकते हैं। स्कीम पूरी हो जाने के बाद सारा पैसा उसे मिलेगा जिसके नाम पर आपने इस अकांउट को खुलवाया होगा।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में लॉन्च की गई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना महिलाओं के लिए एक मिसाल बनकर आया। इस योजना को कमज़ोर वर्ग के परिवारों की महिलाओं के लिए तैयार किया गया है। महिलाओं के लिए राहत की सांस बनकर आई यह योजना गरीबी रेखा यानि के BELOW POVERTY LINE से नीचे आने वाले हर एक परिवारों के लिए हैं। इस योजना के तहत इन परिवारों को सरकार घरेलू रसोई गेस/ LPG gas का कनेक्शन देती है। यह योजना केंद्र सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सहयोग से चलायी जा रही है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार तेल कंपनियों को हर एक कनेक्शन पर 1600 रुपये की सब्सिडी देती है। यह सब्सिडी सिलेंडर को सिक्योरिटी और फिटिंग शुल्क के लिए होती है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
1 अप्रैल 2015 को निर्भया फंड के साथ शुरू हो गई यह योजना एक सामाजिक अभियान है। ऐसे अभियान का प्रमुख लक्ष्य है कि महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव को दूर किया जा सके और युवा भारतीय लड़कियों के लिए ज़्यादा से ज़्यादा जागरूकता बढ़ायी जा सके। यह योजना भारत के अलग अलग क्षेत्रों में चलायी जा रही है। यह योजना उन महिलाओं की मदद करती है जो घरेलू हिंसा या किसी भी प्रकार की हिंसा का शिकार होती है। अगर कोई महिला ऐसी किसी भी प्रकार की हिंसा का शिकार होती है तो उस महिला को पुलिस, क़ानूनी, चिकित्सा जैसी कई सेवाएँ दी जाती है। अगर आपको भी कोई परेशानी होती है तो सरकार द्वारा दी गई इस toll free helpline नंबर 181 पर call कर मदद ले सकते है।
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महिला शक्ति केंद्र योजना
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा साल 2017 को लांच की गयी यह योजना महिलाओं के संरक्षण और सशक्तिकरण के लिए तैयार की गयी है। इस योजना के तहत गांव-गांव की महिलाओं को सामाजिक भागीदारी के माध्यम से सशक्त बनाने और उनकी क्षमता का अनुभव कराने का काम किया जाता है। यह योजना राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर काम करती है।
नारी शक्ति पुरस्कार
नारी शक्ति पुरस्कार स्कीम की शुरुआत 1999 में की गई, यह पुरस्कार उन पीड़ित महिलाओं के लिए है जो समाज के लिए अच्छा काम करती हैं। ये पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर का है। इस पुरस्कार की स्थापना करने के पीछे केंद्र सरकार का भारत की महिलाओं के लिए सशक्तिकरण और उनके प्रति सेवा कार्य को मान्यता प्रदान करना है। यह पुरस्कार ख़ास करके उन महिलाओं को दिया जाता है जो विशेष रूप से कमज़ोर और पीड़ितों के हालातों को जीत कर कुछ हासिल करती है या कहे ऐसी महिलाएँ जो इन हालातों से बाहर आकर कुछ अलग करने का सोचती है। इन महिलाओं को मनी प्राइस और सर्टिफिकेट दिया जाता है।
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इन योजनाओं से यह तो साबित हो जाता है कि सरकार महिलाओं के विकास को लेकर हर तरीक़े का प्रयास काफ़ी लंबे वक़्त से कर रही है। आज समाज में महिलाओं की भूमिकाओं को अलग-अलग तरीक़े से देखा जा सकता है। आज शायद ही ऐसा कोई सैक्टर होगा जिसमें महिलाओं की उपस्थिति दर्ज ना हुई हो। उम्मीद है कि आने वाले समय में इन योजनाओं से महिलाओं के लिए आगे भी सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।