महिलाओं में बांझपन का कारण बन सकती हैं लाइफस्टाइल से जुड़ी ये 5 गलतियाँ, आज ही छोड़ दें

By प्रिया मिश्रा | Jun 29, 2022

शादी के बाद माँ बनना हर महिला का सपना होता है। कुछ महिलाएं बिना किसी परेशानी के बहुत जल्दी कंसीव कर लेती हैं, लेकिन कई  महिलाएं बहुत कोशिशों के बाद भी कंसीव नहीं कर पाती हैं। उन्हें लगने लगता है कि उनका माँ बनने का सपना शायद अधूरा ही रह जाएगा। इंफर्टिलिटी या बांझपन एक ऐसी समस्या है जिसमें महिला के गर्भवती होने की क्षमता कमजोर या खत्म हो जाती है आजकल की बदलती जीवनशैली में महिलाओं में इंफर्टिलिटी की समस्या बढ़ती जा रही है खराब जीवनशैली और खानपान की वजह से महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर सीधा असर पड़ता है। कई बार महिलाएं अनजाने में कुछ ऐसी आदतें अपना लेती हैं, जिनका गंभीर असर उनकी फर्टिलिटी पर पड़ता है आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कि महिलाओं की फर्टिलिटी को कमजोर करने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं -


खानपान 

हम जो भी खाते पीते हैं उसका सीधा असर हमारी सेहत पर होता है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें इनफर्टिलिटी भी शामिल है। शरीर में कार्ब्स, फाइबर, फोलेट की कमी से प्रजनन क्षमता कमजोर हो सकती है।

 

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मोटापा 

मोटापे की समस्या के कारण भी महिलाओं की प्रजनन क्षमता कमजोर हो सकती है। वजन बढ़ने के कारण या शरीर का बॉडी मास इंडेक्स ज्यादा होने के कारण कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। मोटापे के कारण डायबिटीज, हार्ट डिजीज आज इनफर्टिलिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।


तनाव 

केवल शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य का सीधा प्रभाव भी महिलाओं की फर्टिलिटी पर देखने को मिलता है। तनाव, डिप्रेशन और स्ट्रेस के कारण महिलाओं की प्रजनन क्षमता कमजोर हो सकती है। कई शोध में यह पाया गया है कि स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं से इनफर्टिलिटी हो सकती है।

 

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शारीरिक गतिविधि की कमी 

आजकल के समय में सुस्त जीवन शैली के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं आम हो गई हैं। शारीरिक गतिविधियों के कमी के कारण इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिए अपनी दिनचर्या में व्यायाम, योग आदि शामिल करें। इससे प्रोजेस्टेरोन के स्तर को कम करने में मदद मिलेगी और ओव्यूलेशन में फायदा होगा।


धूम्रपान या शराब का सेवन 

स्मोकिंग या शराब के सेवन से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। धूम्रपान या शराब का सेवन करने वाली महिलाओं की प्रजनन क्षमता कमजोर हो सकती है। इससे सर्विक्स और फैलोपियन ट्यूब को नुकसान होता है और गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है।

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