By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 28, 2023
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के एक निजी कर्मचारी पर रिश्वत लेने का आरोप लगने से पैदा हुए राजनीतिक विवाद के मद्देनजर राज्य पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा कि व्यापक वैज्ञानिक जांच के जरिए सच्चाई सामने लाई जाएगी। पुलिस ने यह भी कहा कि मामले में स्पष्ट तस्वीर शुक्रवार शाम तक सामने आ जाएगी। मलप्पुरम जिले के निवासी हरिदासन ने बुधवार को आरोप लगाया था कि मंत्री के एक निजी कर्मचारी ने उनकी बहू की सरकारी चिकित्सा अधिकारी के रूप में नियुक्ति के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत ली। तिरुवनंतपुरम शहर के पुलिस आयुक्त सी.एच. नागराजू ने इस मामले में जांच की प्रगति के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि हरिदासन का विस्तृत बयान दर्ज किया जाएगा और इसके लिए पुलिसकर्मियों की एक टीम पहले ही मलप्पुरम के लिए रवाना हो चुकी है।
पुलिस आयुक्त नागराजू ने कहा कि आरोपों के संबंध में मंत्री के कार्यालय द्वारा पुलिस महानिदेशक को भेजी गई एक शिकायत बुधवार को पुलिस मुख्यालय के माध्यम से उन्हें सौंपी गई थी। इसके अलावा आरोपों का सामना कर रहे निजी कर्मचारी अखिल मैथ्यू की एक अलग शिकायत भी इसमें संलग्न थी। पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘‘जैसे ही हमें शिकायत मिली, हमने शिकायत देने वाले अखिल मैथ्यू से संपर्क किया, उनका विस्तृत बयान लिया और प्राथमिकी दर्ज की। अभी इस मामले में जांच चल रही है। ’’ उन्होंने कहा कि सहायक पुलिस आयुक्त स्तर का एक अधिकारी मामले की जांच करेगा और वह खुद इसकी निगरानी करेंगे।
पुलिस को हरिदासन के खुलासे की जानकारी मीडिया के जरिए ही मिली है और यह पता लगाया जाना चाहिए कि उसने किसे पैसे दिए थे। पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘‘आरोप सिद्ध करने के लिए वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए जाएं। कुछ भुगतान बैंक के माध्यम से किए जाने की बात कही गई थी। तो वो सबूत बन जायेगा। सीसीटीवी फुटेज और ई-मेल सब कुछ जांचा जाएगा। ’’ इस बीच, अखिल मैथ्यू के करीबी लोगों ने दावा किया कि वह घोटाले में शामिल नहीं थे और जिस दिन उनके बारे में कहा गया कि उन्होंने राजधानी में हरिदासन से रिश्वत ली थी, उस दिन वह एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए पथनमथिट्टा में थे। स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय के खिलाफ सामने आए रिश्वतखोरी के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इसकी व्यापक जांच की जानी चाहिए।
हरिदासन ने आरोप लगाया है कि एक बिचौलिए ने उनसे संपर्क किया और दावा किया कि ऐसी नियुक्तियां मंत्री के कार्यालय के माध्यम से की जा रही हैं, और उनसे किश्तों में रिश्वत के रूप में एक बड़ी राशि का भुगतान करने के लिए कहा। पथनमथिट्टा में माकपा की श्रमिक संगठन शाखा ‘सीटू’ के एक पूर्व कार्यालय सचिव ने कथित तौर पर बिचौलिए के रूप में काम किया और उक्त नियुक्ति के लिए रिश्वत ली। उन्होंने दावा किया कि पैसे देने के बावजूद उनकी बहू को नौकरी नहीं मिली।