संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलावों की मांग को लेकर भारत अब और भी ज्यादा मुखर हो रहा है। भारत एक कदम आगे आकर अब खुलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की मांग कर रहा है। केवल पांच सदस्यों के पास स्थायी सदस्यता का होना पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ा खतरा है। इस बात को भारत कई बार कहता आया है। अब फिर एक बार भारत ने इस बात को दोहराते हुए यूएन के सामने स्थायी सदस्यता की मांग पेश कर दी है। भारत ने फिर एक बार दोहराया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव होने चाहिए।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों का आह्वान किया है। इतना ही नहीं भारत के लिए स्थायी सीट की मांग की गई है। भारत के विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने ब्राजील में आयोजित जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। ब्राजील की अध्यक्षता के तहत जी20 की मंत्रिस्तरीय बैठक में मुरलीधरन ने बातचीत सतत विकास और बहुपक्षीय सुधारों की वकालत करते हुए अधिक वैश्विक सहयोग और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों पर प्रतिबद्धता की मांग की है। भारत के रुख को दोहराते हुए मुरलीधरन ने विदेश मंत्रियों को यह भी याद दिलाया कि एक आर्थिक मंच के रूप में जी20 को सतत विकास लक्ष्यों और जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
बता दें कि बीते दिन विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रीय राजधानी में रायसीना डायलॉग 2024 के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता पर एक सवाल पर अपनी उल्लेखनीय मजाकिया प्रतिक्रिया से सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। सम्मेलन के दौरान एक सत्र में बोलते हुए, ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक, माइकल फुलिलोव ने कहा कि यूएनएससी की सदस्यता आईसीसी टेस्ट रैंकिंग पर आधारित हो सकती है। जवाब में जयशंकर ने कहा कि हां, मुझे लगता है कि इसे एक अच्छे विचार का मूल कहा जाता है। लेकिन मुझे लगता है कि बेहतर समाधान यह होगा कि इसे बीसीसीआई पर छोड़ दिया जाए।